जमशेदपुर : झारखंड सरकार के उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने कोल्हान विश्वविद्यालय सहित अंगीभूत कॉलेजों में हो रहे भवन निर्माण को लेकर नयी गाइड लाइन जारी की है.
इसमें कहा गया है कि भवन निर्माण के संंबंध में विवि की रिपोर्ट प्राप्त हुए बगैर किसी भी भवन के निर्माण संंबंधी भुगतान नहीं किये जायेंगे. विवि की ओर से भवन संबंधी जांच की जिम्मेदारी सीसीडीसी को दी गयी है.
दरअसल विवि व कॉलेजों में भवन निर्माण का काम पूरा कराने के लिए झारखंड भवन निर्माण निगम लिमिटेड का गठन किया गया है. संबंधित निगम की ओर से उच्च शिक्षा के मूलभूत विकास के लिए बनने वाले सभी भवनों का ठेका दिया जा रहे है. इस पर विवि अथवा कॉलेज का कोई नियंत्रण नहीं था. कुलाधिपति के साथ बैठक में राज्य के तमाम विवि के कुलपति सहित दूसरे अधिकारियों ने आपत्ति उठाई. इसके बाद विवि की ओर से विभाग को पत्र तक लिखा गया.
इसमें बेहद साफ-साफ शब्दाें में कहा गया कि निगम की ओर से कराये गये भवन निर्माण के कार्य की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है. लिहाजा विवि संबंधित कार्य अपने स्तर से कराना चाहते हैं. विश्वविद्यालयों की ओर से बढ़ते मांग को देखते हुए उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की ओर नये सिरे से निर्देश दिया गया है.
कुछ चुनिंदा एजेंसियाें को ही काम आवंटित करने के आरोप
विश्वविद्यालय में 50 लाख से कम की राशि के मरम्मत कार्य करते आ रहे छोटे ठेकेदारों की ओर से झारखंड भवन निर्माण निगम लिमिटेड की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाये जाते रहे हैं.
छोटे ठेकेदारों की ओर से अपनी आपत्ति समय-समय पर विभागीय अधिकारियों से मिलकर भी दर्ज कराई गयी है. विश्वविद्यालयों में पहले से काम करने वाले एजेंसियों की ओर से दावा किया गया है कि निगम की ओर से अलग-अलग इलाकों में होने वाले कार्यों को कुछ चुनिंदा एजेंसियों को अपेक्षाकृत बहुत अधिक काम दिया जा रहा है. कोल्हान डिवीजन में ही एक एजेंसी को अलग-अलग करीब 200 करोड़ रुपये का काम मिला है.
उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की ओर से विवि को पत्र प्राप्त हुआ है. इसमें कहा गया है कि भवन संबंधी कार्यों की जांच रिपोर्ट विवि की ओर से प्रस्तुत किये बिना निर्माण राशि का भुगतान नहीं किया जायेगा.
डॉ जेपी मिश्रा, सीसीडीसी
कोल्हान विवि, चाईबासा