शहर के कई छोटी कंपनियों के उत्पादन पर पड़ा असर, कई ठेला बंद, होटलों में लगे ताले
मालिक खुद ही संभाल रहे सहयोगी का भी काम
जमशेदपुर : कोल्हान के पारंपरिक पर्व टुसू का असर शहर के दुकान और कंपनियों में दिखने लगा है. बड़ी संख्या में मजदूरों के टुसू मनाने अपने-अपने मूल निवासी स्थान चले जाने के कारण फैक्ट्री, होटल, मॉल, दुकानों में कामकाज प्रभावित हुआ है.
सरकारी व गैर सरकारी योजनाओं के तहत निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों के नहीं होने से काम प्रभावित हो रहा है. ग्रामीण अंचल में टुसू पर्व पखवारे भर मनाया जायेगा. ऐसे में 15 दिनों अलग-अलग क्षेत्र में कामकाज प्रभावित होंगे. होटल, उद्योग-धंधे सर्वाधिक प्रभावित हो रहे है. निर्माण से जुड़े लोगों के अनुसार 60-70 फीसदी मजदूर साल में एक बार इस त्योहार में छुट्टी पर गांव चले जाते हैं . इससे हर साल काम प्रभावित होता है. इस साल मनरेगा के कई काम भी बंद हो गये है.
होटल, दुकान, ठेलों पर रौनक नहीं : टुसू का सबसे अधिक असर होटल, दुकानों और ठेलों पर दिखता है. इस बार भी चाय व नाश्ता बेचने वाले दुकान बंद कर गांव चले गये है.
चौक-चौराहों पर चाय मिलने में दिक्कत होने लगी है. ठेलों पर आसानी से उपलब्ध होने वाला फास्ट फूड अब कहीं-कहीं ही उपलब्ध है. दुकानदारों के अनुसार ठेला और छोटे होटलों में काम करने वाले अधिकांश मजदूर छुट्टी पर चले गये है. इस कारण कई लोगों ने ठेला बंद भी कर दिया है. कई जगह मालिक ही मजदूर बनकर कारोबार संचालित करने में जुटे है.
सड़क, बिल्डिंग निर्माण पर भी असर : मजदूरों के छुट्टी पर जाने के कारण सरकारी योजनाओं के तहत शहर व आसपास बन रही सड़कों का काम बंद हो गया है. इसे लेकर बिल्डर भी परेशान है. बिल्डरों का कहना है कि 15 दिन बाद काम के रफ्तार पकड़ने में भी परेशानी होती है.