इसमें सभी को उत्कृष्टता प्राप्त करने की ओर तत्पर रहना होगा. उन्होंने औद्याेगिक जगत की जरूरतों के अनुसार पाठ्यक्रम में बदलाव की जरूरत बतायी. कहा कि हर्ष का विषय है कि कोल्हान विवि परंपरा और प्रगति को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है.
एक तरफ जहां डिजिटल प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सभ्यता और संस्कृति को साथ लेकर चल रहा है. इस तरह औद्योगिक परिवेश, नयी शिक्षण पद्धति और प्रौद्योगिकी तथा जनजातीय मूल्यों के संगम से विश्वविद्यालय झारखंड ही नहीं पूरे राष्ट्र के लिए गौरव बनेगा.