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टाटा स्टील ने प्रशासन को 57 पेज की सौंपी रिपोर्ट, डीसी ने कहा सलामी-सेस में कटौती नहीं
जमशेदपुर: 59 सब लीज का नये सिरे से मूल्यांकन के मामले में टाटा स्टील ने जिला प्रशासन को 57 पेज की रिपोर्ट सौंप दी है. प्रशासन उसका मिलान कर एएमसी की बैठक में लिए गये निर्णय के आधार पर प्रस्ताव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भेजेगा. इस मामले में उपायुक्त अमित कुमार ने कहा […]
जमशेदपुर: 59 सब लीज का नये सिरे से मूल्यांकन के मामले में टाटा स्टील ने जिला प्रशासन को 57 पेज की रिपोर्ट सौंप दी है. प्रशासन उसका मिलान कर एएमसी की बैठक में लिए गये निर्णय के आधार पर प्रस्ताव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भेजेगा. इस मामले में उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि प्रशासन सलामी, सेस, रेंट मिला कर 1700 करोड़ रुपये की टाटा स्टील से वसूली का प्रस्ताव भेजेगा. एएमसी की बैठक (27 जून) में सलामी, सेस अौर रेंट का निर्धारण किया गया था, जिसमें 1700 करोड़ रुपये सन्निहित है.
उपायुक्त ने बताया कि राशि में किसी तरह की कटौती या एएमसी की बैठक में लिए गये निर्णय पर फिर से विचार नहीं किया जा रहा है, 17 सौ करोड़ का प्रस्ताव भेजा जायेगा.
कैग ने 47 सौ करोड़ नुकसान का किया था आकलन : टाटा सब लीज को लेकर सीएजी ने फरवरी माह में जांच रिपोर्ट सौंपी थी. जांच रिपोर्ट में 59 टाटा सब लीज से 47 सौ करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान होने की बात कही गयी थी.
कोल्हान आयुक्त अरुण की नेतृत्व वाली जांच समिति ने 7 मई 2015 को सौंपी जांच रिपोर्ट में सलामी की राशि 798 करोड़ रुपये बतायी थी, हालांकि जिला प्रशासन द्वारा वर्तमान दर पर सलामी की राशि 1132 करोड़ रुपये निर्धारित की गयी है.
कमर्शियल-आवासीय श्रेणी में रख कर निर्धारित की राशि
अपर महाधिवक्ता के मंतव्य के आधार पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एप्रोप्रिएट मशीनरी कमेटी (एएमसी) की बैठक कर 59 सब लीज को आवासीय एवं कमर्शियल की श्रेणी में रख कर सलामी, सेस अौर रेंट की राशि निर्धारण करने का निर्देश दिया था. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निर्देशानुसार 27 जून को एएमसी की बैठक हुई थी जिसमें सब लीज वार वर्तमान दर पर 1132 करोड़ रुपये सलामी, तीस साल का रेंट अौर सेस जोड़ कर कुल 17 सौ करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया था, हालांकि टाटा स्टील द्वारा निर्धारण में सिर्फ आवासीय एवं कमर्शियल श्रेणी रखने पर आपत्ति जताते हुए अौद्योगिक विकास अौर सामाजिक व कल्याणकारी कार्यों के लिए अलग श्रेणी तय करने की मांग रखी थी. एएमसी की बैठक में टाटा स्टील को अपना पक्ष देने कहा गया था. टाटा स्टील द्वारा 57 पेज में अपना पक्ष गुरुवार को सौंप दिया गया.
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