सौंपे ज्ञापन में कहा है कि महिला की आर्थिक परेशानी को देखते हुए करनडीह एवं घाघीडीह मौजा में सामुदायिक विकास भवन आवंटित की गयी थी, जहां क्षेत्र की महिलाएं सिलाई, बुनाई व कढ़ाई का काम कर अपनी आजीविका चला रही थी, लेकिन सामुदायिक भवन को अंचल अधिकारी द्वारा बंद कर दिया गया है, जिसके कारण महिलाअों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. समिति ने भवन को पुन: आवंटित करने की मांग की है.
समिति व आदिवासी तिरला जुमिद के प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष मोनिका हेंब्रम, साकरो मांजी, सालहो मुर्मू, मालहो किस्कू, कापरा मुर्मू, छिता मुर्मू, जोन मनी टुडू, फूलमनी सोरेन, जमुना किस्कू, चमेली देवगम, सोनिया हेंब्रम, दुलारी हेंब्रम, माया सोरेन, सुमित्रा मुर्मू, बासी सोरेन, मनीषा सोरेन समेत काफी संख्या में महिलाएं शामिल थीं.