Old Pension Scheme News: हजारीबाग जिले के हजारों सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो गयी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर जिले की उपायुक्त के नेतृत्व में जिला पेंशन एवं लेखा निदेशालय और जिला कोषागार कार्यालय ने 2 महीने में नयी पेंशन योजना में नियुक्त हजारों कर्मचारियों का भविष्य निधि लेखा संख्या का आवंटन कर दिया है. इसका लाभ उन रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा, जो 1 सितंबर 2022 से पहले सेवानिवृत्त हुए, लेकिन एनपीएस का भुगतान नहीं हुआ. अब ऐसे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिलाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है.
सरकार का उद्देश्य- कोई रिटायर्ड कर्मचारी ओपीएस से वंचित न रहे
हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड के विकास और सरकारी कामकाज में लंबी अवधि तक तक सेवा देने वाले कर्मियों को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक रूप से सबल बनाये रखने के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से बहाल करने का फैसला किया था. मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि नयी पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत नियुक्त कोई भी सरकारी कर्मी पुरानी पेंशन योजना से वंचित न रहे.
Old Pension Scheme के तहत भुगतान की प्रक्रिया पूरी
हजारीबाग की उपायुक्त नैंसी सहाय ने बताया है कि वित्त विभाग की संकल्प संख्या 141- दिनांक 1 सितंबर 2023 के तहत 1 सितंबर 2022 से पहले रिटायर हुए वैसे कर्मियों, जिन्हें सेवानिवृत्ति के बाद नयी पेंशन योजना (एनपीएस) की राशि का भुगतान नहीं हुआ है, के लिए एनपीएस खाते में जमा राशि में से सरकार के अंशदान एवं लाभांश की राशि का भुगतान सरकार के खजाने में जमा कराकर उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदान करेंगे.
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संविदा पर नियुक्त नियमित कर्मचारियों को भी ओपीएस का लाभ
उपायुक्त ने कहा कि इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. इस श्रेणी में वैसे कर्मी शामिल थे, जो दैनिक वेतनभोगी/ संविदा पर नियुक्त हुए थे और जिन्हें राज्य सरकार द्वारा नियमित किया गया था. 1.09.2022 के पूर्व सेवानिवृत वैसे कर्मी, जिन्हें न्यू पेंशन स्कीम के तहत जमा राशि का भुगतान हो चुका है और वे पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने के इच्छुक हैं, से न्यू पेंशन योजना से प्राप्त राशि चालान के माध्यम से सरकारी खजाने में जमा कराकर उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया गया.
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उपायुक्त के प्रयासों का मिला सकारात्मक परिणाम
उपायुक्त नैंसी सहाय के निर्देश पर जिला कोषागार पदाधिकारी सह पेंशन एवं लेखा पदाधिकारी उज्जवल कुमार चौरसिया ने हजारीबाग जिला मुख्यालय से रिटायर हुए 48 कर्मियों के साथ-साथ वैसे कर्मी, जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने-अपने घर चले गए थे तथा कार्यालय के पास उनके वर्तमान आवासीय पता एवं मोबाइल नंबर भी नहीं था, से संपर्क किया गया. उन्हें कार्यालय बुलाकर एनपीएस में जमा सरकारी अंशदान एवं लाभांश की राशि चालान के माध्यम से सरकारी खजाने में जमा कराया गया और पेंशन प्रपत्र को भरकर महालेखागार कार्यालय भेज दिया गया.
दिव्यांग पेंशनर को घर पर मिलती है पेंशन
इतना ही नहीं, वैसे छूटे हुए सेवानिवृत कर्मी, जो किसी कारण से अभी तक पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं ले पाये हैं, को भी सरकार की इस पहल का लाभ पहुंचाने के प्रयास जारी हैं. पेंशन कार्यालय सेवानिवृत दिव्यांग पेंशनर्स को पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए महालेखाकार द्वारा उपलब्ध कराये गये प्राधिकार पत्र के आधार पर उनके घर जाकर पेंशन की राशि दी जा रही है.
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