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पर्सनल लॉ रहे महफूज : मौलाना बलियावी
कॉमन सिविल कोड को शरीयत बचाओ कांफ्रेंस ने खारिज किया बड़कागांव : जिस तरह नबी के शरीयत के बिना जी नहीं सकते, उसी तरह हम अपने भारत के बिना भी नहीं रह सकते. मुल्क का संविधान सबसे ऊपर है. हम भारतीय संविधान की कद्र करते हैं. भारतीय संविधान के मुताबिक इस धर् निरपेक्ष मुल्क में […]
कॉमन सिविल कोड को शरीयत बचाओ कांफ्रेंस ने खारिज किया
बड़कागांव : जिस तरह नबी के शरीयत के बिना जी नहीं सकते, उसी तरह हम अपने भारत के बिना भी नहीं रह सकते. मुल्क का संविधान सबसे ऊपर है. हम भारतीय संविधान की कद्र करते हैं.
भारतीय संविधान के मुताबिक इस धर् निरपेक्ष मुल्क में प्रत्येक धर्म-संप्रदाय को अपने-अपने तरीकों से मजहब मानने व निर्वाह करने का हक हासिल है. ऐसी हालत में कोई हमारी शरीयत पर उंगली उठाये यह हमें हरगिज काबिल-ए-कुबूल नहीं. यह बातें शरीयत कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि बिहार के पूर्व राज्यसभा सदस्य मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने बड़कागांव में आयोजित शरीयत बचाओ कांफ्रेंस में कही.
दायर हलफनामे को वापस लेने की अपील की : उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि भारत में अगर शरीयत कानून लागू हो जाये तो कभी किसी की मां, बेटी और बहन की अस्मत नहीं लूटी जायेगी. सबकी इज्जत व आबरू महफूज रहेगी. केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में जो मुसलिम पर्सनल लॉ के तहत तीन तलाक के खिलाफ जो हलफनामा दायर किया है, उसे वापस ले.
उन्होंने शरीयत के कानून के मुताबिक तीन तलाक को जायज करार दिया और कहा कि शरीयत में फेरबदल जैसे हालात को रोकने के लिए जेल भरो आंदोलन से लेकर दिल्ली के जंतर मंतर तक बेमियादी अनशन भी करना पड़े तो वह पीछे नहीं हटेंगे. भारतीय संविधान की तरह शरीयत सर्वोपरि है. उन्होंने कहा कि हमें हिटलर का नहीं बल्कि गांधी का मुल्क चाहिए. मुसलमान गुनाहगार हो सकता है मगर मुल्क व कौम का गद्दार नहीं हो सकता.
आंतकवाद का कोई मजहब नहीं होता है
पाक को शिकस्त देने को तैयार है हिंद का मुसलमान
बालियावी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को शिकस्त देने व सबक सिखाने के लिए हिंद के मुसलमान ही काफी हैं. शरीअत बचाओ कांफ्रेंस में अपने संबोधन में पूर्व राज्य सभा सांसद मौलाना बलियावी ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि सरहद पार से आतंकियों को संरक्षण देने का काम पाक बंद करे.
हमारे मुल्क को टुकड़ों में बांटने का पाकिस्तान का इरादा कभी कामयाब नहीं होगा. उन्होंने कहा कि मुसलिम बच्चों को मौका दिया गया तो पाकिस्तानी संसद पर कब्जा कर वहां तिरंगा फहराने का हौसला रखता है.
आतंकवाद का कोई मजहब नहीं : मौलाना बालियावी ने यह भी कहा कि आतंकवाद का कोई मजहब नही होता. उसका मजहब इंसानियत का खून बहाना है. इस्लाम का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है.
आज आतंकवाद के नाम पर इस्लाम को बदनाम किया जा रहा है. नबी पैगंबर मोहम्मद की दी हुई मजहब के मानने वालों को वजू में भी अावश्यकता से अधिक पानी बहाने का हुक्म नहीं है. ऐसे में बेगुनाहों व मासूमों का खून कैसे कोई बहा सकता है. इस्लाम में मासूमों व बेगुनाहों का खून बहाने वाला मुसलमान नही हो सकता.
इस्लाम में इंसानियत की भलाई शामिल : काफ्रेंस को कौमी इत्तेहाद मोरचा के जिलाध्यक्ष फिरोज खलीफा उर्फ राजा ने अपने संबोधन में कहा कि इस्लाम में इंसानियत की भलाई शामिल है. शरीयत का हर नियम कुरान और हदीस पर आधारित है. शरीअत के कानून में बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है. तमाम मुसलिम औरतों के लिए भी यह काबिल-ए-कुबूल है. शरीयत में पति-पत्नी का एक दूसरे के साथ गुजारा नहीं होने पर स्वेच्छा से अलग होने का प्रावधान है.
तीन तलाक का संबंध कुरान से : फिरोज खलीफा ने कहा कि तीन तलाक का मामला कुरान व हदीस से जुड़ा है. इसके खिलाफ जाने का सवाल ही नहीं उठता है. कुछ लोग सियासी नफा-नुकसान के लिए ऐसे मामले को तूल दे रहे हैं. जबकि आम मुसलमान औरत- मर्द कोई भी इससे इत्तेफाक नही रखते. हजरते आयशा सबीहा नूरी ने ख्वातीनों को संबोधित कर कहा कि कहा कि कुरान व हदीस के साथ खिलवाड़ करना लोग बंद करे. तलाक देना इस्लाम मे इतना आसान नहीं, जितना लोग समझते हैं. ऐसे लोगों को सही जानकारी नहीं है.
कांफ्रेंस में मंच संचालन फिरोज आलम बलियावी ने किया. इस मौके पर कौमी इत्तेहाद मोरचा के जिलाध्यक्ष फिरोज खलीफा, मुफ्ती मो. शम्सुद्दीन, हाफिज तस्लीम आरिफ, हाजी तबस्सुम, रफीक अंसारी, हाफिज शराफत मेंहदी, मौलाना अजहर अल्ताफ, गुलाम मुस्तफा, मौलाना अब्दुल कलाम, मौलाना युनूस सलीम, मौलाना व कारी मो. हाशिम रजा, अनवर हुसैन, मो. तस्लीम, हंजला हाशमी, फिरोज अंसारी,मो आसिन ,मो मोईन, मो इम्तियाज़,सब्बू खान,मो सुभान,मो मेराज़,मो इब्राहीमं, मो मंजूर, मो कैसर,मो अख्तर हुसैन,मो अख्तर अंसारी,मो बाब्लू, मो खुर्शीद, मौजूद थे.
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