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चिता सत्याग्रह में साथ दें
हजारीबाग : पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने रविवार को पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से उनके आवास में जाकर मुलाकात की. योगेंद्र साव ने श्री सोरेसन से बड़कागांव में 11 अगस्त से शुरू होनेवाले सत्याग्रह आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया. श्री साव के अनुसार हेमंत ने आंदोलन में शामिल होने की सहमति दे दी […]
हजारीबाग : पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने रविवार को पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से उनके आवास में जाकर मुलाकात की. योगेंद्र साव ने श्री सोरेसन से बड़कागांव में 11 अगस्त से शुरू होनेवाले सत्याग्रह आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया. श्री साव के अनुसार हेमंत ने आंदोलन में शामिल होने की सहमति दे दी है. श्री साव ने बताया कि एक घंटे तक चली वार्ता में राज्य सरकार की विफलता समेत विस्थापन-पुनर्वास, नियोजन की समस्या को लेकर चर्चा हुई.
इधर, राजद प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के प्रावधानों को माना जाता है, तो इस नियम के अंतर्गत खनन के पूर्व 70 प्रतिशत किसानों का मंतव्य जानना जरूरी है. 2013 के कानून और खनन कार्य दोनों एक साथ नहीं चल सकता है. श्री राणा ने बताया कि त्रिपक्षीय वार्ता में नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा व बैठक में उपस्थित जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों से कहा जब तक लोगों का मंतव्य प्राप्त नहीं होता है, तब तक खनन कार्य को स्थगित रखा जाये. 11 अगस्त को सर्वदलीय एवं सर्वपक्ष के द्वारा खनन कार्य बंद का आह्वान किया गया है.
श्री राणा ने कहा कि वह चिता सत्याग्रह कार्यक्रम के समय से आंदोलन में जुड़े हैं. उसी समय घोषणा की थी कि जमीन नहीं देने की शर्तों के साथ आंदोलन में जुड़ा हूं. मुआवजा के संबंध में कोई लेना-देना नहीं है. राजद के प्रदेश महासचिव अर्जुन यादव ने कहा कि बहुफसलीय खेतों के मुआवजा लेने-देने का कोई मामला नहीं है.
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