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90 घंटे बाद भी शहर में नहीं हो पायी बिजली बहाल
समस्या. पानी की परेशानी, मोबाइल चार्ज करना भी मुश्किल हजारीबाग : चार दिन पहले आयी आंधी और बारिश से हजारीबाग में तो तबाही मची थी, उसका असर मंगलवार को भी रहा. मंगलवार को भी शहर की बिजली कटी रही. बिजली विभाग की ओर से जिन क्षेत्रों में विद्युत की आपूर्ति की गयी थी, उस क्षेत्र […]
समस्या. पानी की परेशानी, मोबाइल चार्ज करना भी मुश्किल
हजारीबाग : चार दिन पहले आयी आंधी और बारिश से हजारीबाग में तो तबाही मची थी, उसका असर मंगलवार को भी रहा. मंगलवार को भी शहर की बिजली कटी रही. बिजली विभाग की ओर से जिन क्षेत्रों में विद्युत की आपूर्ति की गयी थी, उस क्षेत्र में भी सुबह से शाम तक बिजली कटी रही.
हालांकि शाम तक शहर के कई क्षेत्रों में बिजली बहाल कर दी गयी थी, लेकिन अब भी कई हिस्सों में एलटी लाइन पर मरम्मत का काम बाकी है. इधर, ग्रामीण क्षेत्र के इचाक, कटकमसांडी, दारू, सिलवार व अन्य भागों में बिजली विभाग की ओर से लाइन को दुरुस्त करने का काम चल रहा है. विभागीय सूत्रों के अनुसार इन क्षेत्रों में बिजली बहाल होने में एक से दो दिन और लग सकते हैं.
चार दिनों से बिजली का इंतजार: पिछले चार दिनों से शहर के अधिकतर हिस्सों में बिजली गुल थी. 21 मई से 23 मई तक बिजली गुल रही. 23 मई की देर शाम शहर के कुछ हिस्सों में बिजली आपूर्ति बहाल की गयी. चार दिनों के बाद बिजली मिलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली. हालांकि इनकी खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक पायी. कुछ ही मिनट बाद बिजली कटने से परेशानी फिर बढ़ गयी. उमस और गरमी से लोग परेशान रहे. मध्य रात्रि के बाद बिजली बहाल हुई. सुबह होते ही बिजली फिर गुल हो गयी.
जेनरेटरवालों की चांदी: पिछले
90 घंटे से बिजली नहीं रहने से शहर में पेयजल की समस्या गहरा गयी है. अधिकतर घरों के पानी टंकी सूख गये हैं. शहरी जलापूर्ति योजना पूरी तरह से ठप है. नगर निगम की ओर से भी पेयजल संकट को दूर करने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है. इसी का फायदा जेनरेटर संचालक उठा रहे हैं. एक हजार लीटर क्षमतावाले पानी टंकी भरने के लिए तीन सौ रुपये लिये जा रहे हैं. इसके अलावा तेल खर्च भी आम लोगों को उठाना पड़ रहा है. जेनरेटर संचालक 24 घंटे शहर में पानी भरने में लगे हुए हैं.
72 घंटे से पानी की आपूर्ति ठप, लोगों में नाराजगी
लगातार 90 घंटे से बिजली आपूर्ति बंद रहने से लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है. 24 मई को 72 घंटे बाद लोगों को पेयजल आपूर्ति हो पायी. इस दौरान लोगों को मात्र तीन से चार बाल्टी ही पानी मिल पाया. उसके बाद नल से पानी आना बंद हो गया. यहां बीएसएनएल के नेटवर्क की स्थिति भी ठीक नहीं है. पिछले तीन दिनों से प्रभावित होने के कारण लोगों का बात करना मुश्किल हो गया है. लोगों का गुस्सा चरम पर है.
बिजली नहीं करने के कारण शहर में व्यवसाय पर भी असर पड़ा है. इलेक्ट्रानिक दुकानों की स्थिति और भी गंभीर हो गयी है. दुकानदार बिजली नहीं रहने के कारण ग्राहकों को सामानों का डेमो नहीं दिखा पा रहे हैं.
दुर्घटना टली: 24 मई को बिजली विभाग के कुछ कर्मचारी डीसी कार्यालय परिसर में काम कर रहे थे. इसी दौरान ट्रांसफारमर से जुड़े तार में आग लग गयी. बाद में पता चला कि जिस क्षेत्र में काम किया जा रहा है, उस क्षेत्र की बिजली बंद नहीं थी. बिजली मिस्त्री ने तुरंत सब-स्टेशन को बिजली बंद करने की सूचना दी. उसके बाद मरम्मत का काम पूरा हुआ.
90 फीसदी काम पूरा: अभियंता
कार्यपालक अभियंता सत्येंद्र कुमार के अनुसार शहर के 90 प्रतिशत हिस्से में मरम्मत का काम पूर्ण कर लिया गया है. उन्होंने देर शाम तक अधिकांश हिस्से में बिजली आपूर्ति बहाल हो जाने की बात कही. वहीं सिंदूर समेत अन्य क्षेत्रों में मरम्मति का कार्य तेजी से चल रहा है.
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