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मजदूरों को नहीं मिला 100 दिन का काम

मजदूरों को नहीं मिला 100 दिन का काम बड़कागांव पूर्वी पंचायत पंचायत वाचबड़कागांव. हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड का पूर्वी पंचायत कृषि प्रधान क्षेत्र है. लोगों का मुख्य पेशा खेती है. यह पंचायत खनिज संपदा से भरा है. राज्य सरकार को इस पंचायत से राजस्व की प्राप्ति अधिक होती है. फिर भी बड़कागांव पूर्वी पंचायत […]

मजदूरों को नहीं मिला 100 दिन का काम बड़कागांव पूर्वी पंचायत पंचायत वाचबड़कागांव. हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड का पूर्वी पंचायत कृषि प्रधान क्षेत्र है. लोगों का मुख्य पेशा खेती है. यह पंचायत खनिज संपदा से भरा है. राज्य सरकार को इस पंचायत से राजस्व की प्राप्ति अधिक होती है. फिर भी बड़कागांव पूर्वी पंचायत का विकास पांच साल में नहीं दिखा. इसी पंचायत में प्रखंड मुख्यालय, बड़कागांव थाना भी है. पंचायतवासियों को विकास की संभावना अधिक दिखी. लेकिन विकास जनता के अनुरूप नहीं हुआ. न किसानों के लिए सिंचाई की सुविधा मिली न बेरोजगारों को रोजगार मिला. यहां तक की 100 दिन का मनरेगा योजना का काम भी कार्डधारियों को नहीं मिला. 13हैज10 में- मुखिया लीलावतीपूर्वी पंचायत में विकास हुआ : लीलावतीबड़कागांव. बड़कागांव पूर्वी पंचायत की मुखिया लीलावती देवी ने अपनी उपलब्धि बताते हुए कहा कि मनरेगा के तहत क्षेत्र में 30 कूप निर्माण, 25 इंदिरा आवास, 13वें वित्त से हेठगढ़ा में नाली निर्माण, कदमाडीह में पीसीसी पथ, आराहारा में चबूतरा निर्माण, गुरुचट्टी में नाली निर्माण, भगवानबागी में गार्डवाल का निर्माण हुआ. 500 लोगों को राशन कार्ड दिलाया. लेकिन फंड नहीं आने के कारण बहुत सारा काम अधूरा रह गया, इसका काफी अफसोस है. बरवाडीह के मुख्य रोड से धानेश्वरी आंगनबाड़ी तक, काली साव के घर से थनु रजक के घर तक, कांदू मोहल्ला में नाली अन्य जगहों पर काम कराया. सोलर लाइट लगवाया. 373 शौचायल का फार्म जिला मुख्यालय भेजे. लेकिन लंबित है. 13बीजी9 में- आरती देवीविकास अधूरा रहा : आरती देवीबड़कागांव. बड़कागांव पूर्वी पंचायत के मुखिया के पद पर दूसरे स्थान पर रहनेवाली आरती देवी ने कहा कि शौचालय का 250 फार्म भरा. लेकिन शौचालय नहीं मिला. बरवाडीह में नेपाल साव के घर से पीपल पेड़ तक नाला मरम्मत नहीं हुआ. स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण भोजन नहीं मिलता है. सिरकुटिया नहर की मरम्मत नहीं हुई. भोक्ता स्थान से लेकर लॉकरा तक रोड नहीं बना. जविप्र दुकानदार कार्ड तो भर देता है लेकिन पूरा राशन नहीं दिया जाता है. कभी-कभार 33 के जगह 30 किलो ही चावल दिया जाता है. लोगों की प्रतिक्रिया13बीजी11 में- महेंद्र सोनी13बीजी12 में- मंजीत13बीजी13 में- लोकनाथ महतो13बीजी15 में- विवेक कुमारहमारा प्रतिनिधि कैसा होईमानदार प्रतिनिधि चाहिएबड़कागांव. बड़कागांव पूर्वी पंचायत के प्रेमनगर निवासी महेंद्र सोनी ने कहा कि दारू-मुरगा व रुपये बांटने वाला प्रतिनिधि नहीं चाहिए. विवेक कुमार ने कहा कि जनता के लिए काम करनेवाला ईमानदार प्रतिनिधि चाहिए. लोकनाथ महतो ने कहा कि जातिवाद से ऊपर उठ कर काम करनेवाला चाहिए. मंजीत सोनी ने कहा कि स्वच्छ व जनहित में काम करनेवाले व्यक्ति को वोट देंगे. यादों में 15 रुपये में चुनाव जीता था : पूर्व मुखियाबड़कागांव. बड़कागांव पंचायत के पूर्व मुखिया बालकृष्ण महतो ने कहा कि 1961 में पंसस का चुनाव जीता. उस समय 15 रुपये चुनाव में खर्च हुआ था. 1978 में निर्विरोध उपमुखिया बना. मेरा चुनाव चिह्न पंखा छाप था, जिसे स्वयं बना कर प्रचार-प्रसार करता था. यह स्थिति देख कर प्रतिद्वंद्वी लोग नाम वापस ले लिया. मैं निर्विरोध उपमुखिया बन गया. लेकिन आपसी विवाद के कारण इस्तीफा दे दिया. 1995 में मुखिया कीर्तन महतो की मृत्यु हो गयी. अगस्त 1995 में चुनाव हुआ. मुझे जीत मिली. पहले और अब के चुनाव में काफी अंतर हो गया है. अब प्रत्याशी जनता को कई तरह से लुभा कर उसे अपने पक्ष में मतदान करने की अपील करते हैं.

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