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खुदाई स्थल से फिर मिली भगवान बुद्ध की प्रतिमा और मन्नत स्तूप

हजारीबाग : हजारीबाग के बहोरनपुर ने पुरातत्व विभाग की खुदाई जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नये खुलासे हो रहे हैं. इससे पता चलता है कि बहोरनपुर में पॉल वंश का एक समृद्ध शासन था. खुदाई के दौरान बहोरनपुर के इटवा टिला में बौद्धमठ की मुख्य दीवार मिली है. यह दीवार खुदाई के पूर्वी हिस्से […]

हजारीबाग : हजारीबाग के बहोरनपुर ने पुरातत्व विभाग की खुदाई जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नये खुलासे हो रहे हैं. इससे पता चलता है कि बहोरनपुर में पॉल वंश का एक समृद्ध शासन था. खुदाई के दौरान बहोरनपुर के इटवा टिला में बौद्धमठ की मुख्य दीवार मिली है. यह दीवार खुदाई के पूर्वी हिस्से में है. इसकी लंबाई उत्तर-दक्षिण दिशा में 25 मीटर लंबी है. मुख्य द्वार की ऊंचाई 20 ईंट की परत है. बुधवार को खुदाई स्थल से भगवान बुद्ध की दो प्रतिमाएं मिली. हालांकि एक प्रतिमा दो-तीन हिस्सों में खंडित है.
इसके अलावा बौद्ध धर्म से जुड़े मन्नत स्तूप और अलंकृत शिलापट्ट मिले हैं. अलंकृत पट्ट पर कई सुंदर आकृति की मूर्तियां उकेरी गयी हैं. इसी पट्ट में भगवान बुद्ध की एक छोटी सी आकृति बनी हुई है. सात जनवरी को खुदाई स्थल से पत्थर पर उकेरी गयी अष्ट दल कमल की आकृतिवाली पट्ट मिली है, जो खंडित है.
अष्ट दल कमल का बौद्ध धर्म में विशेष महत्व
पुरातत्व विभाग, पटना शाखा (तीन) के सहायक निदेशक डॉ नीरज मिश्रा ने बताया कि बौद्ध धर्म में मन्नत पूरी होने पर मन्नत स्तूप बनाने की परंपरा थी. खुदाई स्थल पर मिले अष्ट दल कमल का बौद्ध धर्म में विशेष महत्व है. यह अलौकिक, महाकरुणा, अमरता व बुद्धत्व का प्रतीक है. बौद्ध यंत्र में कमल और उनकी पंखुडियों में विभिन्न बुद्धों एवं बोधिसत्वों के चित्र बनाये जाते थे.

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