हजारीबाग : जिले में सोमवार को धूमधाम से हरितालिका(तीज) का पर्व मनाया गया. सुहागिनों ने अपने अखंड सुहाग की कामना को लेकर निर्जला उपवास कर सोमवार को भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-अर्चना की. सुहागिनों ने पति की लंबी उम्र व सुख-समृद्धि की मन्नत मांगी. कुंवारी व सौभाग्यवती स्त्रियों ने गौरी शंकर की पूजा साढ़े पांच बजे से शुरू की, जो देर शाम तक चलती रहीं.
इससे पूर्व व्रतियों ने रेत से भगवान शिव, माता पार्वती व गणेश की प्रतिमा बनायी. चौकियों को रंगीन वस्त्र व सुगंधित फूलों से सजाया. केला के पत्तों कर भगवान की प्रतिमा को स्थापित कर वस्त्र व चंदन का लेप लगा कर भगवान को सजाया गया. सुहाग की पिटारा में रखे सुहागिन की सामग्री, चूड़ी, आइना, काजल, पान पत्ता व विभिन्न प्रकार के फल व प्रसाद चढ़ाया और जल व दुग्ध से अभिषेक किया.
इसके बाद सुहागिनों ने हरितालिका तीज की कथा सुनी. व्रती महिलाएं रात भर नाच-गान कर भगवान शिव व पार्वती को प्रसन्न करती रहीं. डुमर की वृंदा देवी, पूनम देवी, शांति देवी, जिनगा की लक्ष्मी देवी, बरगड्डा गांव की बेबी शर्मा ने कहा यह पर्व सुहागिनों के लिए सबसे बड़ा पर्व है. कुंवारी में पार्वती ने भगवान शंकर को पाने के लिए यह कड़ी तपस्या की थी. पूजा करा रहे आचार्य देवकुमार शर्मा ने बताया कि भारतीय सुहागिन नारियों के लिए यह व्रत काफी महत्व रखता है. इसमें पत्नी अपने पति की लंबी आयु की कामना करती है.
दो दिन से चल रही थी पर्व की तैयारी: सुहागिन महिलाओं ने नहाय-खाय से हरितालिका तीज पर्व की शुरुआत की थी. व्रतियों ने हाथों में मेहंदी रचा कर व सोलह श्रृंगार किया. कई स्थानों पर मेहंदी रचाने के लिए ब्यूटी पार्लरों में लंबी कतारें देखी गयी.