केंद्र में अब बच्चों को मिल रहा है अमूल दूध व बादाम, बंद हो गया अंडा
केंद्र में बच्चों की संख्या घट रही है लगातार
गिद्दी (हजारीबाग) : डाड़ी प्रखंड में लगभग 38 आंगनबाड़ी केंद्र भाड़े के मकानों में चल रहे हैं. इन केंद्रों में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. इससे कई तरह की परेशानी सेविका व बच्चों को हो रही है. जिला के संबंधित पदाधिकारी को इसकी सूचना कई बार दी गयी है, लेकिन इस दिशा में उनकी ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. बच्चों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्रों में अब बच्चों को अमूल दूध, बादाम दिया जा रहा है, लेकिन अंडा बंद कर दिया गया है.
इसके बाद भी केंद्र में बच्चों की अपेक्षित संख्या नहीं बढ़ रही है. जानकारी के अनुसार, डाड़ी प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन वर्ष 2004 से हो रहा है. पहले केंद्रों की संख्या कम थी, लेकिन फिलहाल 82 केंद्र है. इन केंद्रों में बच्चों की संख्या लगभग पांच हजार से अधिक बतायी जा रही है. डाड़ी प्रखंड में 39 आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन है.
तीन-चार आंगनबाड़ी केंद्र के बंद होने से सरकारी स्कूल भवन में शिफ्ट कर दिया गया है, जबकि अन्य भाड़े के मकानों में चल रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि डाड़ी प्रखंड को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय नहीं है. आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या लगातार घट रही है. इसके मद्देनजर पिछले कुछ दिनों से केंद्रों में जिला खनन फंड से बच्चों को प्रतिदिन दो दिन अमूल दूध व बादाम की सुविधा दी जा रही है. वैसे, बच्चों को केंद्र में नियमित रूप से गेहूं की दलिया व खिचड़ी दी जाती है.
केंद्र को बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर कई बदलाव किये जाते हैं, लेकिन बच्चों व उनके अभिभावकों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. इसके कारण ही केंद्रों में बच्चों की संख्या घट रही है. डाड़ी प्रखंड में आंगनबाड़ी का एक निर्माणाधीन भवन वर्षों से अधूरा है. शिकायत के बाद भी इसे पूरा नहीं किया जा रहा है. प्रभारी सीडीपीओ रेखा रानी ने कहा कि केंद्र को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं.