जबकि मुआवजा वितरण में अंतर देखा जा रहा हैं. बताया गया कि टंडवा में 8421 एकड़ व सिमरिया में लगभग 2100 एकड़ का बीमा किसानों ने कराया था. बाद में फर्जी बीमा की जांच में सिमरिया में लगभग छह हजार व टंडवा में लगभग 2862 एकड़ फर्जी बीमा पाया गया, जिसे छंटनी कर दिया गया. इसके बाद टंडवा व सिमरिया में 4498 रुपया प्रति एकड़ व टंडवा में 1190 रुपये प्रति एकड़ भुगतान किया जा रहा है. इससे किसानों में आक्रोश है. किसान आंदोलन के मूड में हैं. को-अॉपरेटिव बैंक सिमरिया शाखा के मैनेजर ऋषितोष मिश्रा का कहना है कि बीमा भुगतान की दर सरकार स्तर से तय होती है. इसके लिए विभाग जिम्मेवार नहीं है.
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फसल बीमा राशि भुगतान में छले गये टंडवा के किसान
टंडवा. फसल बीमा 2015-16 के भुगतान में प्रखंड के किसानों ने विभाग पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. किसानों ने सिमरिया को अधिक राशि भुगतान करने की बात कही है, जबकि टंडवा में विभागीय गड़बड़ी से यहां के किसानों को सही क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिल रही है. विभागीय सूत्रों के अनुसार 2105-16 में […]
टंडवा. फसल बीमा 2015-16 के भुगतान में प्रखंड के किसानों ने विभाग पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. किसानों ने सिमरिया को अधिक राशि भुगतान करने की बात कही है, जबकि टंडवा में विभागीय गड़बड़ी से यहां के किसानों को सही क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिल रही है. विभागीय सूत्रों के अनुसार 2105-16 में फसल कटाई के समय उपायुक्त द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट में सिमरिया में 79.59 क्षतिपूर्ति व टंडवा में 74.43 क्षतिपूर्ति दिखायी गयी.
बीमा में रुचि नहीं ले रहे हैं किसान: सरकार द्वारा 2015- 16 के फसल बीमा राशि भुगतान में असमानता के बाद इस बार किसानों का बीमा कराने के प्रति रुझान कम हुआ है. टंडवा प्रखंड इस बार प्रधानमंत्री फसल बीमा के लक्ष्य से कोसों दूर है. इस बार टंडवा में 14,188 किसानों का फसल बीमा का लक्ष्य दिया गया था. जो अबतक लगभग 5000 किसानों का ही फसल बीमा किया गया. किसानों का कहना है कि किसानों को फसल बीमा के नाम पर ठगा जा रहा है.
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