आदिवासी की समस्या संविधान सभा में भी उठायी गयी थी. आदिवासी समाज की प्रमुख विशेषता उनकी विशिष्टता है. संपदा पर सामूहिक हक आदिवासियों की विशेष पहचान है. बराबरी का भाव एक अलग विशेषता है. आदिवासी सहमति पर विश्वास रखते हैं. जो प्रत्यक्ष प्रजातंत्र का प्रमुख लक्षण है.
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कार्यक्रम : विश्व आदिवासी दिवस पर विवि में सेमिनार, बोले कुलपति आदिवासियों की जमीन संपत्ति नहीं, पहचान है
हजारीबाग: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर विवि के आर्यभट्ट सेमिनार हॉल में बुधवार को सोमिनार का आयोजन किया गया. स्नातकोत्तर मानव शास्त्र विभाग की ओर से आयोजित सेमिनार का विषय जनजातीय विकास एवं समस्याएं थी. मुख्य अतिथि विभावि कुलपति प्रो रमेश शरण ने कहा कि आदिवासियों की समस्याओं को विवि स्तर पर ले जानने […]
हजारीबाग: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर विवि के आर्यभट्ट सेमिनार हॉल में बुधवार को सोमिनार का आयोजन किया गया. स्नातकोत्तर मानव शास्त्र विभाग की ओर से आयोजित सेमिनार का विषय जनजातीय विकास एवं समस्याएं थी. मुख्य अतिथि विभावि कुलपति प्रो रमेश शरण ने कहा कि आदिवासियों की समस्याओं को विवि स्तर पर ले जानने की जरूरत है. आदिवासी एवं गैर आदिवासी दोनों संस्कृति एक दूसरे को समझेंगे, तभी समाज आगे बढ़ेगा.
आदिवासी की समस्या संविधान सभा में भी उठायी गयी थी. आदिवासी समाज की प्रमुख विशेषता उनकी विशिष्टता है. संपदा पर सामूहिक हक आदिवासियों की विशेष पहचान है. बराबरी का भाव एक अलग विशेषता है. आदिवासी सहमति पर विश्वास रखते हैं. जो प्रत्यक्ष प्रजातंत्र का प्रमुख लक्षण है.
जल-जंगल व जमीन इनकी पहचान: प्रतिकुलपति डॉ कुनुल कंडील ने कहा कि आदिवासियों के साथ दोहरा मापदंड अपनाना सही नहीं है. जल जंगल और जमीन इनकी पहचान है. आज विश्व के सभी देश आदिवासियों की समस्याओं के समाधान के लिए जुटे हैं. सेमिनार को डॉ पीके मिश्रा, डॉ बीपी सिंह ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ जॉनी रूफिना तिर्की, स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डॉ गंगानाथ झा ने किया. कार्यक्रम में विद्यार्थियों के बीच प्रश्नोत्तरी हुई. सेमिनार में डॉ सुबोध, डॉ मारगेट लकडा, डॉ शुकल्याण मोइत्रा, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ विनोद रंजन समेत अन्य शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे.
बिरहोर टंडा को गोद लिया, लेकिन कोई योजना नहीं
हजारीबाग. विभावि स्नातकोत्तर मानव शास्त्र विभाग ने कटकमसांडी प्रखंड के बिरहोर टंडा कंडसार को गोद लिया है, लेकिन आदिवासी दिवस पर यहां के लिए विभावि के पास कोई योजना नहीं दिखी. सेमिनार में कंडसार के बिरहोरों के लिए किसी तरह का कार्यक्रम नहीं बनाया गया, जबकि होली, दीवाली पर विभाग के शिक्षक एवं विद्यार्थी बिरहोरों के बीच जाकर स्वच्छता एवं त्योहार का कार्यक्रम मनाते हैं. बच्चों को पठन-पाठन सामग्री दी जाती है.
एनएसएस ने मनाया आदिवासी दिवस
हजारीबाग. संत कोलंबा कॉलेज एनएसएस इकाई ने बुधवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया. साथ ही भारत छोड़ो आंदोलन को याद करते हुए वीर शहीदों को नमन किया. डॉ सरिता सिंह के नेतृत्व में कॉलेज परिसर में झांकी निकाली गयी. स्वयंसेवकों ने गीत-संगीत व नृत्य प्रस्तुत किया. परमानंद कौशिक, अभिषेक अमन, बनवारी मंडल, पवन रजक, अमित, सोनू, अविनाश, मुस्कान, रूपा, निखा, ललिता समेत एनएसएस के कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया.
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