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अनाथ हुए तीन बच्चे, पिता के शव का कर रहे इंतजार
शव लाने के लिए बच्चों के पास नहीं हैं पैसे दारू : रोजी-रोजगार के लिए निकले मो शफीक की मौत महाराष्ट्र के अमरावती जिला के भटमेर स्टेशन पर हो गयी. वह दारू स्थित जबरा का रहनेवाला है. मृतक के परिवार की स्थिति ऐसी है कि वे शव तक लाने में असमर्थ हैं. पिछले 30 घंटे […]
शव लाने के लिए बच्चों के पास नहीं हैं पैसे
दारू : रोजी-रोजगार के लिए निकले मो शफीक की मौत महाराष्ट्र के अमरावती जिला के भटमेर स्टेशन पर हो गयी. वह दारू स्थित जबरा का रहनेवाला है. मृतक के परिवार की स्थिति ऐसी है कि वे शव तक लाने में असमर्थ हैं. पिछले 30 घंटे से शफीक का शव भटमेर स्टेशन के रेलवे पुलिस के कब्जे में है. मृतक की पत्नी की मौत एक माह पूर्व बीमारी से हो गयी है. परिवार में मात्र दो पुत्र व एक पुत्री है.
बेटी निगार परवीन (16), पुत्र शोएब अख्तर (15), सोहेल अख्तर (12) अब भी पिता के शव के आने के इंतजार में हैं. हालांकि जानकारी मिलने पर ग्रामीण आपसी सहयोग कर शव लाने की तैयारी में जुटे हुए थे.
बताया जाता है कि शफीक वहां वाहन चला कर रोजी करता था. सात जुलाई को वह वहां अपने घर से नागपुर जाने के लिए निकला था. वह हटिया-पूणे ट्रेन की जेनरल बोगी में सफर कर रहा था. भीड़ के कारण वह नागपुर स्टेशन पर नहीं उतर पाया. भटमेरा स्टेशन पर उतरने के क्रम में उसकी मौत हो गयी. बाद में पुलिस घरवालों को उसकी मौत की सूचना दी.
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