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Jharkhand News: गुमला के बिरसा मुंडा एग्रो पार्क में घूमना हुआ महंगा, जानें टिकट की दर

गुमला के बिरसा मुंडा एग्रो पार्क में घूमना अब महंगा हो गया है. निजीकरण के कारण टिकट भी महंगा हो गया है. पहले पार्क में बड़ों का प्रवेश शुल्क 15 रुपये और बच्चों का पांच रुपये था. लेकिन, निजीकरण के बाद बड़ों का प्रवेश शुल्क 20 और बच्चों का सात रुपये हुआ.

Jharkhand News: गुमला में बिरसा मुंडा एग्रो पार्क (Birsa Munda Agro Park) घूमना अब महंगा हो गया. प्रशासन ने जब से निजी हाथ में पार्क दिया है पार्क का नक्शा ही बदल गया. कभी रंग-बिरेंगे फूल से पार्क की सुंदरता बढ़ती थी. आज चारों तरफ पार्क बेजान नजर आता है. बच्चों के मनोरंजन का सामान भी बेकार है. गुमला शहर में आम लोगों के घूमने-फिरने और मनोरंजन का एकमात्र साधन बिरसा मुंडा एग्रो पार्क है. जहां लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ घूमने जाते हैं और मनोरंजन करते हैं. यदा-कदा स्कूली बच्चों को भी पार्क में शैक्षणिक भ्रमण कराया जाता है. लेकिन, अब पार्क में घूमने और मनोरंजन करने के लिए पहुंचने वाले ऐसे लोगों का आर्थिक बोझ बढ़ गया है.

पार्क का टिकट रेट

पार्क के टिकट की कीमत 20 रुपये और सात रुपये है. व्यस्क लोगों (10 वर्ष से अधिक) का टिकट 20 रुपये और बच्चों (10 वर्ष तक) के टिकट की कीमत सात रुपये है. जबकि पूर्व में व्यस्क लोगों के टिकट की कीमत 15 रुपये और बच्चों के टिकट की कीमत मात्र पांच रुपये थी. लेकिन, पार्क के निजीकरण के बाद कीमत बढ़ा दी गयी है. जिसका खामियाजा आमलोगों को भुगतना पड़ रहा है.

निजी हाथ में देकर नष्ट करने में लगे हैं पार्क को

पार्क जिला योजना विभाग का है. पार्क बनने के बाद से पार्क का संचालन विभागीय स्तर पर ही हो रहा था. परंतु इस वर्ष अचानक से पार्क का निजीकरण कर दिया गया. अब ठेका लेकर पार्क को चलाया जा रहा है. वहीं जो पार्क अभी के मौसम में अनेकों प्रकार के रंगबिरंगी फूलों की सुगंधित खुशबू से महकती थी. वह अब वीरान जैसा है. पार्क के जिस-जिस हिस्से में तरह-तरह के फूलों की बागवानी की जाती थी. वहां फूलों का नामोनिशान तक नहीं है. बहुत कम जगहों पर ही फूल के पौधे लगे हुए हैं. जिससे पार्क एक सपाट मैदान की तरह नजर आता है. इसके साथ ही पार्क में बच्चों के मनोरंजन के लिए लगाया गया टॉय ट्रेन भी बेकार पड़ा हुआ है. बच्चों का एक स्लाइडिंग भी टूट गया है. जो किनारे पड़ा हुआ है. पार्क में जहां पास ट्री हाउस बना है. उसके समीप एक ट्री लाइट लगाया गया था. रात में ट्री लाइट के जलने से रंगबिरंगी रोशनी निकलती थी. जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती थी. वह ट्री लाइट भी टूटकर जमीन पर गिरा पड़ा हुआ है.

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रात को नहीं दिखता फाउंटेन का सुंदर नजारा

पार्क में तीन जगहों पर फाउंटेन लगाया गया है. जिसमें एक जगह का फाउंटेन बेकार पड़ा हुआ है. वहां घास-फूस उगा हुआ है, जबकि एक अन्य फाउंटेन आधा-अधूरा ही काम करता है. कई जगहों पर देखने से ऐसा लगता है कि कबाड़खाना बना हुआ है. पार्क में बच्चों के खेलने और मनोरंजन के लिए कई प्रकार का झूला भी लगा हुआ है. जिसमें से कई झूला टूटा हुआ है. वहीं विगत दिनों ही जिला प्रशासन ने भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर पार्क में स्थापित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया है. परंतु अभी तक वहां से माल्यार्पण के फूलमाला को भी नहीं हटाया गया है. जो अब सुख रही है. बिरसा मुंडा एग्रो पार्क गुमला शहर में एक धरोहर की तरह है. परंतु पार्क में पहले की अपेक्षा अब कई कमियां है. जिससे ऐसा लगता है कि पार्क के निजीकरण के बाद ठेकेदार पार्क से सिर्फ पैसा कमाने में लगा हुआ है.

रिपोर्ट : जगरनाथ/अंकित, गुमला.

Samir Ranjan
Samir Ranjan
Senior Journalist with more than 20 years of reporting and desk work experience in print, tv and digital media

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