डुमरी. आरसी चर्च नवाडीह में मंगलवार को दृढ़ीकरण संस्कार समारोह संपन्न हुआ. गुमला धर्मप्रांत के मुख्य अधिष्ठाता बिशप स्वामी लीनुस पिंगल एक्का ने विधिवत रूप से 332 बच्चों को यह पवित्र संस्कार प्रदान किया. मौके पर बिशप लीनुस ने अपने संदेश में कहा कि दृढ़ीकरण संस्कार सात पवित्र संस्कारों में एक महत्वपूर्ण संस्कार है, जिससे ख्रीस्तीय विश्वास और अधिक मजबूत होता है. उन्होंने कहा कि यह संस्कार हमें यह विश्वास देता है कि हम ख्रीस्त विश्वास में दृढ़ हो रहे हैं, जो हमें माता-पिता द्वारा बपतिस्मा के रूप में प्राप्त होता है. इस संस्कार के माध्यम से हम अपने विश्वास को और गहराई से जीने का प्रयास करते हैं. बिशप ने बताया कि संस्कार का अर्थ है भीतरी कृपा का बाहरी चिह्न, जो प्रभु यीशु द्वारा पवित्र आत्मा के माध्यम से हमें प्राप्त होता है. इस दौरान उन्होंने बताया कि पवित्र आत्मा बच्चों के ऊपर उतरता है और उनके हृदय को बदल देता है, जैसे पहले चेलों के साथ हुआ था. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पवित्र आत्मा जब चेलों पर उतरा था, तब वे डर से मुक्त होकर निर्भीकता से यीशु ख्रीस्त का प्रचार करने लगे थे. उसी प्रकार यह संस्कार बच्चों के विश्वास को दृढ़ कर, उन्हें भविष्य में धर्मनिष्ठ जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है. समारोह में श्रद्धा, भक्ति और आशीर्वाद का अद्भुत वातावरण देखने को मिला. मौके पर पल्ली पुरोहित फादर पिंगल कुजूर, सिस्टर वेरनासिया किड़ो, सिस्टर ललिता मिंज, सिस्टर फ्लोरा, सचिन एक्का, रंजीत कुजूर, लिविन टोप्पो, ज्योति कुजूर, माइकल समेत सैकड़ों ख्रीस्तीय धर्मावलंबी उपस्थित थे.
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