गुमला. मात्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय गुमला में मत्स्य किसानों के लिए आयोजित पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का समापन रविवार को हुआ. कृषि, पशुपालन व सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की जी की प्रेरणा व महाविद्यालय के सह अधिष्ठाता डॉक्टर एके सिंह के मार्गदर्शन में मत्स्य निदेशालय, झारखंड सरकार के सहयोग से आयोजित प्रशिक्षण में कुल 24 महिला व पुरुष प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया. प्रशिक्षण के दौरान सभी किसानों को मिश्रित मछली पालन, जल कृषि में पानी व मिट्टी की गुणवत्ता की जांच व प्रबंधन, बायोफ्लॉक तकनीक द्वारा मछली पालन की पद्धति, मछली आहार का निर्माण व प्रबंधन, रंगीन मछलियों का प्रजनन व रख-रखाव व मछली पालन में रोजगार के अवसर मछली से मूल्यवर्द्धित उत्पाद बनाने से संबंधित विषयों पर व्यावहारिक व सैद्धांतिक जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण के अंतिम दिन सभी प्रशिक्षणार्थी किसानों को प्रमाण पत्र दिया गया. जिला मत्स्य पदाधिकारी गुमला कुसुमलता व मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र रांची के मुख्य प्रशिक्षक प्रशांत कुमार दीपक ने सभी किसानों को प्रमाण पत्र प्रदान किया. मौके पर जिला मत्स्य पदाधिकारी कुसुमलता ने किसानों को प्रशिक्षण में दी गयी जानकारियों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि मछली पालन की कई तकनीक हैं, जिसका उपयोग कर मछली पालन किया जा सकता है. किसान खेतीबारी के साथ मछली पालन कर सकते हैं. मछली पालन आजीविका का एक नया आयाम बनाता है, जिससे आर्थिक उन्नति होगी. प्रशिक्षण को सफल बनाने में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉक्टर प्रशांत जाना, डॉक्टर श्वेता कुमारी, डॉक्टर कस्तूरी चट्टोपाध्याय, डॉक्टर ओम प्रवेश कुमार रवि, डॉक्टर केएस विसडम, डॉक्टर मनमोहन कुमार, डॉक्टर मोहम्मद अशरफ मलिक, गैर शैक्षणिक कर्मचारी रेशमी सिंह, संजय नाथ पाठक आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
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