गुमला.
ये दिल का सवाल है. गुमला शहर में वाहनों का प्रेशर हॉर्न लोगों के दिल की धड़कन बढ़ा रहा है. जिस प्रकार प्रेशर हॉर्न बजता है, यह दिल के मरीजों के लिए घातक है. परंतु गुमला में बस चालकों को समझाये कौन. जब भी कोई बस तेजी से गुमला शहर में प्रवेश करती है. बस चालक प्रेशर हॉर्न बजाना शुरू कर देते हैं. स्थिति यह है कि जिनको दिल की बीमारी है, उन्हें हर समय हार्ट अटैक आने का डर बना रहता है. बस के अलावा अब तो कई स्टंटबाज अपनी बाइक में बम व गोली जैसी आवाज वाले प्रेशर हॉर्न लगा लिए हैं. सड़कों पर इस प्रकार आवाज करती बाइक सवार गुजरते है, मानों अभी एक्सीडेंट जायेगा या फिर बाइक से निकलने वाली आवाज से किसी की दिल की धड़कन रुक जायेगी. यह तो रही प्रेशर हार्न से उत्पन्न हो रही परेशानी की बात. परंतु अब सवाल यह है कि दिल के मरीजों के लिए घातक बने इस प्रेशर हॉर्न पर रोक कौन लगाये. क्योंकि आम जनता अगर किसी गाड़ी चालक को प्रेशर हॉर्न बजाने से रोकेगा, तो विवाद हो जायेगा. ऐसे में सहज जवाब है इसे सिर्फ प्रशासन ही रोक सकता है. परंतु गुमला प्रशासन जो कि सरकारी आवास व कार्यालयों में ठाठ से रहते हैं. उन्हें जनता की चिंता नहीं है. तभी तो आम जनता की शिकायत के बाद भी अबतक प्रेशर हॉर्न पर रोक नहीं लग रही है. बस चालक प्रेशर हॉर्न बजाते शहर में घुसते हैं, जिसे रोकने व टोकने वाला कोई नहीं है. अब बात हम एक ऐसे मरीज की करेंगे, जिनकी प्रेशर हॉर्न के कारण जान जाते जाते बची. यह व्यक्ति गुमला शहर के सिसई रोड निवासी है. उनक नाम मनीष कुमार है. कुछ दिन पहले उनको हार्ट अटैक आया. इस दौरान एक बस प्रेशर हॉर्न बजाते सिसई रोड से तेजी से बस पड़ाव की और बढ़ा. इससे मनीष कुमार की दिल की धड़कन इस प्रकार बढ़ गयी कि उनकी स्थिति नाजुक हो गयी. खैरियत रही कि तुरंत अस्पताल लाया गया व इलाज हुआ. फिर तुरंत रांची रेफर कर दिया गया. कई दिनों के इलाज के बाद वे रांची से गुमला आये. अभी अपने घर पर हैं. परंतु अभी भी उन्हें डर है कि कहीं बस के प्रेशर हॉर्न से उन्हें अटैक न आ जाये. मनीष कुमार ने प्रभात खबर को फोन कर बताया कि प्रेशर हॉर्न को लेकर जिले के हाकिम को वे व्हाटसएप किये थे. हाकिम साहब ने वादा किया था कि प्रेशर हॉर्न पर रोक लगवायेंगे. परंतु शिकायत किये कई दिन गुजर गये, अब तक प्रेशर हॉर्न पर रोक नहीं लगी है. मैं अभी भी एक महीने से बेड रेस्ट में हूं. जब कोई बस प्रेशर हॉर्न बजाते मेरे घर के पास से गुजरती है, तो मुझे हर समय डर बना रहता है. उन्होंने गुमला प्रशासन से प्रेशर हॉर्न बजाने वाले बसों पर कार्रवाई करने की मांग की है. इधर, डॉक्टर की माने, तो वाहनों में लगे प्रेशर हॉर्न की आवाज से ध्वनि प्रदूषण होता है, जो कि हार्ट के मरीजों के लिए खतरनाक होता है. ध्वनि प्रदूषण से हाई ब्लड प्रेशर, दिल की धड़कन बढ़ना और तनाव जैसी समस्याएं होती हैं, जिनको नजरअंदाज करने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. तेज आवाज कान के लिए भी घातक होती है. भीड़ में प्रेशर हॉर्न बजाना सबसे अधिक घातक होता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है