गुमला. गुमला में विश्व एड्स दिवस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने प्रेस काॅन्फ्रेंस किया. सिविल सर्जन डॉ एसएन चौधरी ने वैश्विक व स्थानीय स्तर पर एचआइवी की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि थीम स्पष्ट है. हमें यह संदेश देती है कि हमें स्वास्थ्य प्रणाली में आयी किसी भी बाधा को दूर करना होगा. यह सुनिश्चित करना होगा कि एचआइवी से प्रभावित कोई व्यक्ति उपचार से वंचित न रहे. यह समय है कि हम एड्स प्रतिक्रिया को अधिक लचीला न्याय संगत और भविष्य की चुनौतियों को सामना करने में सक्षम बनायें. उन्होंने लोगों से अपील की कि एचआइवी के बारे सही जानकारी प्राप्त करें व नियमित जांच को बढ़ावा दें. विशेष कर गर्भवती महिलाओं की जांच प्रथम तिमाही में सुनिश्चित की जाये. एचआइवी लोगों के प्रति भेदभाव न करें. भारत सरकार 2030 तक एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने में लगी हुई है. अस्पताल के उपाधीक्षक सह नोडल पदाधिकारी डॉ अनुपम किशोर ने कहा कि एक दिसंबर 2025 को मनाये जाने वाले विश्व एड्स दिवस पर हम सभी वैश्विक संघर्ष में एकजुट हों. वर्ष 2025 की थीम “पुनर्विचार करें, पुनर्निर्माण करें और उठें. हमें याद दिलाती है कि एचआइवी एड्स की चुनौती से निबटने के लिए हमें अपनी पुरानी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है. हमें एक समावेशी और न्यायसंगत स्वास्थ्य प्रणाली का पुनर्निर्माण करना होगा. गुमला के सभी निवासियों से अनुरोध है कि वे एचआइवी परीक्षण करायें. एआरटी के माध्यम से, एचआइवी पॉजिटिव व्यक्ति भी सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी सह जिला नोडल पदाधिकारी डॉ केके मिश्रा ने कहा कि टीवी, एचआइवी से पीड़ित व्यक्तियों में मृत्यु का सबसे प्रमुख कारण है. एचआइवी को समाप्त करने के हमारे राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हमें इस घातक गठजोड़ को प्रभावी ढंग से तोड़ना होगा. हमारे स्वास्थ्य कार्यक्रम, क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम और एड्स नियंत्रण कार्यक्रम मिल कर काम कर रहे हैं, ताकि गुमला में कोई भी व्यक्ति इस दोहरी बीमारी का शिकार न हो. एचआइवी पॉजिटिव व्यक्ति में टीवी विकसित होने की संभावना 20 से 30 गुना अधिक होती है.
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