गुमला. इंटर महिला कॉलेज गुमला में बुधवार को शिक्षक-शिक्षिकाएं बाल-बाल बच गये. कॉलेज के कार्यालय कक्ष में शिक्षक-शिक्षिकाएं बैठे थे, तभी कार्यालय कक्ष की छत का प्लास्टर टूट कर गिरने लगा. शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कार्यालय कक्ष से बाहर निकल अपने को बचाया. इस दौरान कई शिक्षक-शिक्षिकाओं को हल्की चोट भी लगी. प्लास्टर गिरने के बाद कार्यालय कक्ष के बाहर बरामदे में कार्यालय संचालित किया जा रहा है. लेकिन उस बरामदे की छत की भी स्थिति ठीक नहीं है. इंटर महिला कॉलेज का यह भवन 1980-90 के दशक में बना है. वर्तमान में पूरा भवन जर्जर हो चुका है व दीवारों में दरारें पड़ गयी हैं. भवन प्रमंडल गुमला ने कॉलेज के उक्त भवन को जर्जर घोषित किया गया है. इन सभी के बीच शिक्षक-शिक्षिकाएं अपनी जान जोखिम में डाल बालिकाओं का भविष्य गढ़ने में लगे हैं. प्लास्टर टूट कर गिरने से शिक्षक-शिक्षिकाओं में भय का माहौल हो गया है. कॉलेज की प्राचार्या नीलिमा जायसवाल ने बताया कि वह और कॉलेज के अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं प्रो सुषमा सिंह, स्मिता कुमारी, प्रो बीएन पांडेय, मोहम्मद रागीब, नीलमा पुष्पा, प्रेम रोस मिंज, पूनम कुमारी, हरिशंकर त्रिपाठी, विमला कुमारी, सुमित्रा कुमारी के साथ कार्यालय कक्ष में बैठ कर काम कर रहे थे. इस दौरान दोपहर लगभग 12.15 बजे अचानक छत का प्लास्टर टूट कर गिरा. प्लास्टर के गिरने की आवाज सुन कर सभी डर गये और भागते हुए कार्यालय कक्ष के बाहर निकले. उन्होंने बताया कि भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. इस कारण उक्त भवनों में सालों पहले पठन-पाठन का काम बंद कर दिया गया है. कॉलेज के दूसरे भवन में पठन-पाठन का काम चल रहा है. लेकिन उस भवन वर्ग कक्ष की कमी है. इस कारण मजबूरी में कार्यालय कक्ष का संचालन पुराने भवन में किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कॉलेज का नया भवन बनाने की मांग को लेकर पूर्व में उपायुक्त गुमला से पत्राचार किया गया है. इसके आलोक में भवन प्रमंडल द्वारा पुराने भवन की जांच कर नया भवन बनाने के लिए प्राक्कलन बनाया गया है. लेकिन अभी तक नया भवन बनाने का काम शुरू नहीं किया जा सका है. प्राचार्या ने उपायुक्त से नये भवन के प्राक्कलन को पास कर जल्द से जल्द भवन बनाने का काम शुरू करवाने की मांग की है.
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