गुमला. जिले में जल संसाधनों की उपलब्धता व सिंचाई संरचनाओं के वैज्ञानिक प्रबंधन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से शनिवार को टाउन हॉल गुमला में सप्तम लघु सिंचाई गणना, द्वितीय जल निकाय गणना व प्रथम स्प्रिंग्स गणना के लिए प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में गुमला, घाघरा, भरनो, बिशुनपुर, रायडीह, सिसई, बसिया, कमडारा, पालकोट, चैनपुर, जारी व डुमरी प्रखंड के बीडीओ समेत संबंधित पदाधिकारियों व कर्मियों ने भाग लिया. कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि एसी गुमला शशिंद्र कुमार बड़ाइक, डीसीएलआर राजीव कुमार व एमआइ के इइ रवि कुमार ने संयुक्त रूप से किया. एसी शशिंद्र कुमार बड़ाइक ने कहा कि यह गणना केवल एक सांख्यिकीय प्रक्रिया नहीं, बल्कि किसानों की आजीविका व ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से संचालित एक राष्ट्रीय अभियान है. उन्होंने कहा कि कृषि के लिए जल की उपलब्धता हमारे विकास का मूल आधार है और इस वैज्ञानिक सर्वे के माध्यम से जलस्रोतों की वास्तविक स्थिति का सटीक आकलन संभव होगा, जिससे भविष्य की योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा. डीसीएलआर राजीव कुमार ने कहा कि सर्वेक्षण कार्य मोबाइल ऐप आधारित डिजिटल प्रणाली के माध्यम से किया जायेगा, जिसमें सिंचाई संरचनाओं का भौतिक सत्यापन व डाटा संकलन पूरी गंभीरता व शुद्धता के साथ किया जाना आवश्यक है. कार्यशाला में तालाब, जलाशय, चेकडैम, नलकूप, स्प्रिंग्स जैसे लघु सिंचाई संरचनाओं की वास्तविक स्थिति, जलस्तर, उपयोगिता समेत अन्य महत्वपूर्ण मापदंडों के आधार पर सर्वेक्षण करने की जानकारी प्रदान की गयी.
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