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बिना प्लानिंग आया “1.50 करोड़

दुर्जय पासवान गुमला : बिना किसी प्रकार की प्लानिंग के जिले के आइटीडीए (मेसो विभाग) के पास वित्तीय वर्ष 2014-15 में लगभग 1.50 करोड़ रुपये आया है. उक्त राशि से मेसो विभाग का अपना कार्यालय भवन बनना है, लेकिन विभाग के पास भवन निर्माण के लिए किसी प्रकार की प्लानिंग नहीं है. मेसो विभाग का […]

दुर्जय पासवान
गुमला : बिना किसी प्रकार की प्लानिंग के जिले के आइटीडीए (मेसो विभाग) के पास वित्तीय वर्ष 2014-15 में लगभग 1.50 करोड़ रुपये आया है. उक्त राशि से मेसो विभाग का अपना कार्यालय भवन बनना है, लेकिन विभाग के पास भवन निर्माण के लिए किसी प्रकार की प्लानिंग नहीं है. मेसो विभाग का अपना कार्यालय भवन नहीं है.
वर्तमान में मेसो कार्यालय विकास भवन परिसर में संचालित है. वह भी एक ऐसे भवन में संचालित है, जहां सिर्फ मेसो ही नहीं, बल्कि झारखंड ग्रामीण बैंक की एक शाखा और खनन विभाग का एक कार्यालय भी चलता है, इसलिए विभाग ने भवन निर्माण के लिए किसी प्रकार की प्लानिंग तैयार किये बिना ही प्रस्ताव पारित करवा कर सरकार के खाते से 1.50 करोड़ अपने खाता में जमा करवा लिया है, लेकिन अभी तक उक्त राशि की उपयोगिता नहीं दिख रही है. नतीजा कई महीनों से मेसो विभाग के पास 1.50 करोड़ रुपये पड़ा हुआ है.
वहीं विभाग के पास भवन कार्यालय के लिए प्लानिंग तैयार करने के अलावा एक और बड़ी समस्या यह भी है कि विभाग को जमीन नहीं मिल रही है. हालांकि भवन निर्माण के लिए जमीन की जरूरत संबंधित दिशा-निर्देश गुमला सीओ को पहले ही दिया गया है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण कई महीनों से जमीन की अभी तक तलाश ही चल रही है. वहीं जिस सीओ को जमीन तलाश करने का निर्देश दिया गया था. उनका स्थानांतरण हो गया है, जिस कारण प्लानिंग व जमीन के चक्कर में राशि जस की तस पड़ी हुई है. यदि स्थिति यही रही, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 में राशि उपयोगिता के बिना ही पुन: सरकार के खाते में चली जायेगी.
इस संबंध में बात करने पर आइटीडीए के परियोजना निदेशक कृष्ण कुमार ने बताया कि मेसो कार्यालय भवन निर्माण के लिए राशि तो आ गयी है, लेकिन भवन निर्माण के लिए किसी प्रकार की प्लानिंग नहीं है. जमीन भी नहीं है. हालांकि जमीन मिलना कोई बड़ी बात नहीं है. संभवत: अंचल परिसर में ही जमीन मिल जायेगी. पर अभी तक भवन निर्माण संबंधित किसी प्रकार का निविदा नहीं निकाला गया है.

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