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गरीबों का हक मार कर अमीरों का बनाया घर

शहरी क्षेत्र के वार्ड 20 स्थित सरना टोली नदी किनारे बसे 25 परिवार का वर्ष 2007 में मलिन बस्ती आवास योजना के तहत घर स्वीकृत हुआ था, परंतु नगर परिषद ने जमीन का एग्रीमेंट नहीं होने की बात कह कर गरीबों का नाम सूची से काट कर अमीरों का घर बना दिया. दुर्जय पासवान गुमला […]

शहरी क्षेत्र के वार्ड 20 स्थित सरना टोली नदी किनारे बसे 25 परिवार का वर्ष 2007 में मलिन बस्ती आवास योजना के तहत घर स्वीकृत हुआ था, परंतु नगर परिषद ने जमीन का एग्रीमेंट नहीं होने की बात कह कर गरीबों का नाम सूची से काट कर अमीरों का घर बना दिया.
दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला नगर परिषद में मलिन बस्ती आवास योजना में लूट मची है. प्रति आवास पांच से दस हजार रुपये वसूली हो रही है. चौंकाने वाली बात यह है कि योजना गरीबों के लिए है, परंतु यहां अमीरों का घर व गोदाम बनाया जा रहा है.
ताजा उदाहरण वार्ड नंबर 20 के सरना टोली नदी के किनारे बसे नदीटोली बस्ती का है. यह शहरी क्षेत्र में आता है. यहां 30 परिवार भुईयां जाति का है. रोज कमाते हैं, तो खाते हैं. कोई रिक्शा चलाता है, तो कोई मोटिया का काम करता है. महिलाएं घरों में झाड़ू-पोछा करने के अलावा कबाड़ी चुनती हैं. सभी का घर मिट्टी का है. बरसात के दिनों में नदी में बाढ़ आने पर घर बह जाता है.
वर्ष 2007 में इस मुहल्ले के 25 परिवारों के लिए मलिन बस्ती आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए स्वीकृति दी गयी थी, परंतु नगर परिषद ने यहां गरीबों के साथ मजाक किया. गरीबों के नाम सूची से हटा कर उसमें अमीरों के नाम अंकित कर दिये गये और अमीरों की दुकान, घर व गोदाम बन गये, जबकि गरीब अभी भी मिट्टी के घर में रहने को विवश हैं. आवास योजना का लाभ नहीं मिलने पर लोगों ने नगर परिषद से इसकी शिकायत की, परंतु जमीन का एग्रीमेंट कागज नहीं होने का बहाना बना कर सभी गरीबों को घर से वंचित कर दिया गया.
30 साल से रह रहे हैं : ग्रामीण
मुहल्ले के परदेशिया राम, लक्ष्मी राम, ब्रिज राम, सुकरी खड़ियाइन, प्रदीप सिंह, बेबी देवी, रीना देवी, संजय राम, बबलू राम, राखी देवी, बनवारी महतो, सकुन देवी, राजेश राम, सानो देवी, मुनी देवी, मेरी खलखो, तेरेसा खलखो, प्रदीप कंसारी, राजू भुईयां, विनोद राम, मटर राम, जगदीप भुईयां, दीपक भुईयां, माला देवी, शंकर भुईयां, बीरबल भुईयां व रवींद्र राम ने बताया कि नगर परिषद हम गरीबों के साथ अन्याय कर रही है. 30 साल से हमलोग यहां रहते आ रहे हैं. जमीन मालिक को पैसा देकर जमीन खरीदी है. जमीन मालिका का लिखा हुआ कागज है. इसके बावजूद घर नहीं बन रहा है. हमारे हक का घर अमीरों को दिया जा रहा है.
छह-छह हजार खा गये
इस मुहल्ले में किसी के घर में शौचालय नहीं है. नगर परिषद द्वारा शौचालय निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी. 12 हजार रुपये से शौचालय बनना था. इसपर काम भी शुरू हुआ. नगर परिषद द्वारा सभी लाभुकों को प्रथम किस्त के रूप में छह-छह हजार रुपये दिये गये. लाभुकों का आरोप है शेष छह-छह हजार रुपया नगर परिषद खा गया. इस कारण शौचालय पूरा नहीं बना और लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं.
ठेपा करा कर बोला घर नहीं बनेगा
अभी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदीप सिंह, प्रदीप कंसारी व सुकरी खड़ियाइन का घर स्वीकृत हुआ था, परंतु दो दिन पहले नप से कुछ लोग आये. एक कागज पर ठेपा करा कर ले गये और बोले कि अब तुमलोगों का घर नहीं बनेगा.
नप उपाध्यक्ष की सुनिये
नगर परिषद की उपाध्यक्ष मोसर्रत परवीन ने कहा कि नदीटोली मुहल्ले में रहने वाले लोगों के पास जमीन का कागजात नहीं है. जिस कारण यह मामला फंसा है, परंतु यह जांच का विषय है कि उनका घर अमीरों को कैसे बना दिया गया. नदीटोली में रहने वाले लोग घर के हकदार हैं. इसमें विभाग से बात कर रास्ता निकाला जायेगा.

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