गुमला : निरक्षरों को साक्षर बना कर महती भूमिका निभाने वाले शिक्षकों के समक्ष, शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में सफल होने पर भी बड़ी विकट स्थिति उत्पन्न हो गयी है. कहा जाये कि टेट की परीक्षा पास करने वाले लोग सफलता और असफलता के चक्रव्यूह में फंसे हुए हैं.
गुमला जिला में प्रत्येक वर्ष शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में सैकड़ों अभ्यर्थी सफल होते हैं. उन सभी अभ्यर्थियों की शिक्षक के रूप में बहाली नहीं हो पाती है और जिन शिक्षकों की बहाली होती है, उन्हें अपने अधिकार (सम्मानजनक मानदेय) प्राप्ति के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. इस वर्ष भी टेट की परीक्षा में लगभग 1300 अभ्यर्थी सफल हुए हैं.
इनमें महज 679 लोगों की ही प्राथमिक शिक्षक के रूप में बहाली की जायेगी. इसके लिए वरीय अधिकारियों द्वारा आदेश निर्गत करने के बाद जिले से वेकेंसी निकाला जायेगा. अभ्यर्थी आवेदन करेंगे, उसमें से प्राप्तांक के आधार पर मेधा सूची जारी की जायेगी. इसमें से वैसे शिक्षकों को ज्यादा प्राथमिकता दी जायेगी. जिन्हें कुड़ूख, खड़िया, बिरहोर, असुर अथवा नागपुरी भाषा की जानकारी हो.