दुर्जय पासवान, गुमला
गुमला में कौशल विकास की ट्रेनिंग ले रही 11 छात्राएं फूड प्वाइजनिंग की शिकार हो गयी हैं. सभी को उल्टी व दस्त हो रही है. तबीयत खराब हो गयी है. गंभीर स्थिति में सभी को गुमला सदर अस्पताल में भरती कराया गया. जहां सभी का इलाज चल रहा है. डॉक्टर के अनुसार इलाज के बाद सभी छात्राएं खतरे से बाहर हैं.
छात्राओं के अनुसार बासी भोजन खाने को दिया गया था. इस कारण उनकी तबीयत खराब हुई. विजनरी नॉलेज एंड मैनेजमेंट सोसायटी के तत्वावधान में सक्षम झारखंड कौशल विकास केंद्र गुमला का संचालन किया जा रहा है. इस संस्था द्वारा छात्राओं को सिलाई, कढ़ाई व अन्य प्रशिक्षण दिया जाता है.
फूड प्वाइजनिंग की शिकार छात्राओं में डीपाडीह करमटोली निवासी स्वाति कुमारी (17), दमकारा पालकोट निवासी सोनिया कुमारी (17), दमकारा निवासी जया कुमारी (14), चेढ़या घाघरा निवासी चंद्रमुनी कुमारी (20), पालकोट बाजारटांड निवासी सपना कुमारी (26), चेढ़या घाघरा निवासी सीमा कुमारी (18), लांजी निवासी सुमंती कुमारी (20), बरगांव बुढ़ीटोली निवासी सीमा कुमारी (17), डुको पीपरटोली निवासी सीमा कुमारी (19), परसा रायडीह निवासी सुमित्र कुमारी (17) है.
सभी का इलाज सदर अस्पताल में चिकित्सक डॉ. अजय भगत के नेतृत्व चल रहा है. छात्राओं ने बताया कि वे सभी शांति नगर स्थित विजनरी नॉलेज एंड मैनेजमेंट सोसायटी द्वारा संचालित कौशल विकास केंद्र में सिलाई का प्रशिक्षण नि:शुल्क ले रही है. छात्राओं ने बताया कि सुबह में नाश्ता नहीं मिलता है. सुबह आठ बजे खाना ही दिया जाता है.
मंगलवार की सुबह आठ बजे चावल, दाल, सोयाबीन आलू की सब्जी मिली थी. जिसे खाकर सभी छात्राएं सिलाई प्रशिक्षण ले रही थी. इसी बीच अचानक पेट में दर्द, उल्टी, बेचैनी व दस्त की शिकायत हो गयी. जिससे सभी गंभीर रूप से बीमार हो गयीं. सभी छात्राओं ने बताया कि लगता है किचन में कार्यरत व इंचार्ज की मिलीभगत से हमें बासी सब्जी व दाल देने से ऐसा हुआ है. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
जिम्मेवारी लेने को कोई तैयार नहीं
अस्पताल में छात्राओं को लाने वाले विजनरी नॉलेज एंड मैनेजमेंट सोसायटी के शिक्षकों से उनका व इंचार्ज का नाम पूछने पर वे इस केस से पल्ला झाड़ते नजर आए. कर्मचारियों ने कहा कि आप ऑफिस में आकर जो पूछताछ करनी है. वह कर लें. हम अस्पताल में कुछ नहीं बता सकते हैं. हमें ऊपर के अधिकारियों ने किसी प्रकार की बात करने से मना किया है.
गुमला सदर अस्पताल के डॉ अजय भगत का कहना है कि लगता है कि बासी भोजन छात्राओं को दिया गया है. इस कारण सभी फूड प्वाइजनिंग की शिकार हुई हैं. हालांकि इलाज के बाद सभी ठीक है.