इलाज शुरू होते ही उनकी मौत हो गयी. वजीर की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पत्नी रोते हुए बोल रही थी कि वजीर बोला था कि मैं घर पर ही ठीक हूं.
अस्पताल मत ले जाना, लेकिन अस्पताल लाते ही मौत हो गयी. इधर, वजीर की मौत के बाद शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा एंबुलेंस की व्यवस्था की गयी. अस्पताल में डीसी श्रवण साय के निर्देश पर हेल्प डेस्क की स्थापना कर दी गयी है, जहां लगातार एक स्वास्थ्य कर्मी बैठता है. मरीज व उसके परिजनों को किसी प्रकार की समस्या होने पर वे हेल्प डेस्क से संपर्क कर सकते हैं. अस्पताल गेट के ठीक सामने हेल्प डेस्क का काउंटर बनाया गया है. वहीं मरीजों को जांच में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए मेडाल लैब अब 24 घंटा स्वास्थ्य सुविधा देगा. कोई भी जांच कराना है, मेडाल लैब के कर्मियों के फोन पर कॉल करने पर वे तुरंत जांच करेंगे.