ठाकुरगंगटी प्रखंड अंतर्गत धुनियाबांध स्थित संजीवनी आजीविका संसाधन केंद्र में मंगलवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ. यह कार्यक्रम पलाश (जेएसएलपीएस) के सौजन्य से संकुल के बीओडी सदस्य, आजीविका बढ़ावा उपसमिति, खरीदारी उपसमिति एवं आजीविका कैडर के लिए आयोजित किया गया था. प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को समेकित कृषि क्लस्टर की अवधारणा, उसके लाभ एवं व्यवहारिक क्रियान्वयन से अवगत कराना था. कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि किस प्रकार कृषि, पशुपालन, बागवानी जैसी आजीविका गतिविधियों को जोड़कर किसानों की आय में वृद्धि और आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जा सकता है. प्रशिक्षण के पहले दिन, प्रतिभागियों को आईएफसी मॉडल, सामुदायिक संस्थानों की भूमिका और आजीविका सेवा केंद्र की स्थापना से मिलने वाली सुविधाओं जैसे बीज, खाद, उपकरण, पशु आहार एवं विपणन व्यवस्था की जानकारी दी गयी. दूसरे दिन, समूह चर्चा और अनुभव साझा करते हुए प्रतिभागियों ने यह जाना कि आईएफसी मॉडल को जमीनी स्तर पर कैसे प्रभावी रूप से लागू किया जा सकता है, ताकि किसान उत्पादन से लेकर विपणन तक की पूरी प्रक्रिया में सक्षम बन सकें. इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को साझा करने और किसानों को लाभान्वित करने का संकल्प लिया. मौके पर प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक प्रेम प्रकाश, एफटीसी शमीम अख्तर, सीसी शरत चंद्र झा, आस्क कॉर्डिनेटर आशीष कुमार, आईएफसी कॉर्डिनेटर सोनी देवी, संकुल प्रतिनिधि कुसुम देवी, रूबी खातून, वरिष्ठ सीआरपी अरुणा देवी, सुलेखा देवी, कृषि एवं पशु सखी माधुरी कुमारी, नीलम देवी, ऊषा देवी, मंजू देवी, शबकत नाज, रबीना खातून सहित दर्जनों उद्यमी किसान मौजूद थे.
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