महागामा प्रखंड के सीनपुर और पथरकानी गांवों में दो दिवसीय बिषहरी पूजा का आयोजन पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ. श्रद्धालुओं ने मां बिषहरी की आराधना कर परिवार की सुख-समृद्धि एवं स्वास्थ्य की कामना की. सीनपुर स्थित प्राचीन बिषहरी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. श्रद्धालुओं ने फल, फूल एवं पूजन सामग्री से सजी डलिया चढ़ाकर मां बिषहरी की पूजा-अर्चना की. मंदिर प्रांगण देर रात तक मनसा बिषहरी के गीतों और भजनों से भक्तिमय बना रहा. रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से सजाये गये मंदिर की भव्यता ने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया. वहीं, पथरकानी गांव में पारंपरिक लोक कलाकारों द्वारा सती बिहुला नाटक का मंचन किया गया. कलाकारों ने अंग प्रदेश की प्राचीन लोकगाथा पर आधारित इस नाटक में सती बिहुला के सतीत्व और प्रेम की कथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया. नाटक में चांदो सौदागर द्वारा मां बिषहरी की पूजा से इंकार, फिर सर्पदंश से पुत्र लखिंदर की मृत्यु और बिहुला के प्रेम, तपस्या व संघर्ष की मार्मिक प्रस्तुति ने दर्शकों की आंखें नम कर दीं. कार्यक्रम की शुरुआत बिहुला-विषहरी बंदना से की गयी, जिसने माहौल को आध्यात्मिक ऊंचाई प्रदान की.
दो दिनों तक रहा भक्तिमय वातावरण
पूरे महागामा क्षेत्र में बिषहरी पूजा के कारण दो दिनों तक आस्था और भक्ति का माहौल बना रहा. सुरक्षा व्यवस्था और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया था. आयोजकों ने बताया कि हर साल की तरह इस वर्ष भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सहभागिता ने कार्यक्रम को सफल बनाया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

