गोड्डा. छोटानागपुरी कुड़मि जनजाति परिषद की संयोजक मंडली सदस्य संजीव कुमार महतो ने रंगमटिया गांव में बैठक आयोजित की. अध्यक्षता संजीव कुमार महतो ने की. श्री महतो के साथ बड़ी संख्या में सदस्य अपनी मांग को लेकर उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि भारत का ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र होने के बाद 6 सितंबर 1950 को भारत सरकार ने “द शेड्यूल ट्राइब ऑर्डर 1950 ” जारी कर आदिवासी समुदायों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) घोषित किया. लेकिन इस सूची में कुड़मि समुदाय का उल्लेख नहीं किया गया. न ही इसके पीछे कोई कारण बताया गया. कुड़मि समुदाय और विभिन्न सामाजिक एवं जनजातीय संगठनों, नेताओं, विधायकों, सांसदों और राजनीतिक संगठनों द्वारा द शेड्यूल ट्राइब ऑर्डर 1950 में सुधार कर कुड़मि समुदाय को एसटी मान्यता देने हेतु 75 वर्षों से धरना-प्रदर्शन और आंदोलन किया जा रहा है. उनका कहना है कि एसटी का दर्जा न मिलने के पीछे कुड़मि समुदाय के साथ गहरी साजिश है. अनुसूचित जनजाति की प्रथम सूची (द शेड्यूल ट्राइब आर्डर 1950) में संशोधन कर कुड़मि को शामिल करने की मांग के समर्थन में सभी सामाजिक संगठनों और कई जनजाति नेताओं द्वारा समर्थन प्राप्त किया गया है. 20 सितंबर को रेल रोको आंदोलन आयोजित किया जायेगा, जिसमें तीन राज्यों के सौ से अधिक स्थानों पर रेल रोको कार्यक्रम होगा. बैठक में देवेंद्र कुमार महतो, अजय महतो, विरेंद्र महतो, दीपक महतो, संजय महतो, राजेन्द्र महतो, राजेश, बिनोद आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे. क्या हैं प्रमुख मांगें छोटानागपुर पठार (झारखंड), आंशिक पश्चिम बंगाल और आंशिक उड़ीसा के कुड़मि समुदाय को द शेड्यूल ट्राइब आर्डर 1950 में शामिल करने. जनगणना में कुड़मालि भाषा के लिए अलग गणना कॉलम करने. कुड़मालि भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने. छोटानागपुर पठार क्षेत्र अंतर्गत झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा सरकार द्वारा केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजने. सिदो कान्हो विश्व विद्यालय, दुमका (झारखंड) में कुड़मालि भाषा विभाग की स्थापना और कुड़मालि भाषा का पठन-पाठन एवं शोध प्रारंभ करने की मांगें शामिल हैं.
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