मेहरमा. प्रखंड क्षेत्र में गर्मी के मौसम में पेयजल की परेशानी तो आम बात हो गयी है. मगर खासकर प्रखंड क्षेत्र की लकड़मारा पंचायत में पेयजल की परेशानी हर वर्ष और भी गहरा जाता है. इस पंचायत में कुल छह गांव लकड़मारा, छोटी लकड़मारा, दरियापुर, जीताचक, मुर्गियाचक व कुमरडीहा गांव पड़ता है. यह पंचायत मुस्लिम बहुल पंचायत हैं. मगर मुस्लिम के अलावा राजपूत, ब्राह्मण, यादव, हरिजन, तांती, मंडल, आदिवासी व स्वर्णकार भी हैं. इस पंचायत में करीब छह हजार वोटर व करीब नौ हजार की आबादी है. पंचायत में करीब 25 सरकारी चापानल के अलावा 15वें वित्त से ग्रामीणों को पेयजल की परेशानियों को देखते हुए 15 सोलर जलमीनार लगायी गयी थी. मगर दो सोलर जलमीनार को छोड़ और करीब आठ चापानल को छोड़ सभी बंद पड़ गये हैं. करीब 45 लाख की लागत से सोलर जलमीनार लगने के कारण ग्रामीणों को पेयजल से काफी राहत तो मिलने लगा. ग्रामीणों की आखों में खुशी भी दिखने लगी. मगर पुनः जैसे ही गर्मी आया और पानी का लेयर नीचे गया सभी सोलर जलमीनार बंद पड़ना शुरू हो गयी. ग्रामीणों के आंखों की खुशी छिनने लगा. खासकर पंचायत के कुमरडीहा गांव में गर्मी के मौसम में पेयजल की इतनी किल्लत हो जाती है कि कूप सुख जाते हैं. बहियार में बना सिंचाई कूप इनका सहारा बन जाता है. ग्रामीण कुंदन कुमार, अमन कुमार, राजेश यादव, दिनेश यादव, बनारसी मंडल, मो असफाक, मो फैयाज, मो तबरेज, मो कलीम, मो अजमल, मो कादिर ने बताया कि गर्मी के मौसम में आम लोग अपना जुगाड़ किसी प्रकार कर लेते हैं मगर जानवर को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने वरीय पदाधिकारी से सोलर जलमीनार ठीक कराने की मांग की है. क्या कहते हैं मुखिया सोलर जलमीनार को कई बार ठीक कराया गया है. पानी का लेयर नीचे जाने के कारण परेशानी बढ़ती है. सोलर जलमीनार को ठीक कराने का निर्देश मिलने पर ठीक कराया जायेगा. – उस्मान गणि, मुखिया, लकड़मारा पंचायत
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