राजधानी रांची में विशेष समिति की बैठक समिति के अध्यक्ष मथुरा प्रसाद महतो की अध्यक्षता में आयोजित की गयी. बैठक में बोरियो विधानसभा क्षेत्र के विधायक धनंजय सोरेन ने राजमहल कोल परियोजना के संचालन और उससे संबंधित समस्याओं को प्रमुखता से उठाया. विधायक ने कहा कि ईसीएल के तहत संचालित कोल परियोजना क्षेत्र में पर्यावरण और स्थानीय हितों की भारी अनदेखी की जा रही है. परियोजना के अधीन कार्यरत कई निजी कंपनियां कोल इंडिया के निर्धारित नियमों का उल्लंघन कर कोयला खनन का कार्य कर रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि खनन के नाम पर अब तक लगभग 30 हजार वृक्षों की अवैध कटाई की गयी है, जबकि पर्यावरण संतुलन के लिए कोई पौधारोपण नहीं किया गया है. विधायक ने यह भी कहा कि इस परियोजना के लिए अधिग्रहित की गयी अधिकांश भूमि आदिवासियों की है. आदिवासी समुदाय प्रकृति के पूजक होते हैं और उनसे न केवल भूमि बल्कि वृक्षों से भी उनका प्राकृतिक रिश्ता छीन लिया गया है. इससे उनकी सांस्कृतिक पहचान को ठेस पहुंची है. धनंजय सोरेन ने यह भी कहा कि परियोजना क्षेत्र में कार्यरत निजी कंपनियां स्थानीय बेरोजगार युवकों की उपेक्षा कर रही हैं और बाहरी लोगों को रोजगार दे रही है. जिन ग्रामीणों की भूमि अधिग्रहित की गयी, उन्हें न तो स्थायी नौकरी मिली है और न ही स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं. उन्होंने कहा कि खनन के दौरान उड़ने वाली कोयले की धूल से ग्रामीण गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. लेकिन अब तक न तो स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था की गयी है और न ही पीने के पानी की समुचित सुविधा.
हर परियोजना का होगा निरीक्षण, रिपोर्ट जाएगी विधानसभा में
विशेष समिति ने निर्णय लिया है कि ईसीएल और बीसीसीएल की सभी परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा. निरीक्षण के बाद रिपोर्ट को झारखंड विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किया जाएगा और ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं दिलाने की दिशा में ठोस पहल की जाएगी. बैठक में धनबाद विधायक राज सिन्हा, तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया समेत समिति के कई सदस्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है