सदर अस्पताल का इन दिनों जोरशोर से कायाकल्प किया जा रहा है. अस्पताल को फर्श से लेकर अर्श तक चमकाया जा रहा है. कुछ काम तो पहले हो चुका है, लेकिन कुछ काम वर्तमान में जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की राशि से की जा रही है. अस्पताल के अंदर व बाहर रंग-रोगन किया गया है. अस्पताल के पुरूष, महिला, बर्न वार्ड, आइसीयू वार्डों का भी नवीनीकरण किया गया है. अस्पताल के ड्रेसिंग रूम में भी टाइल्स लगाकर नया लुक दिया गया है. साथ ही अस्पताल के पूरे बाहरी आवरण को भी भारी भरकम राशि खर्च कर आकर्षक शीशे से ढंका गया है. इससे अस्पताल के बिल्डिंग की खूबसूरती देखने लायक हो गयी है.
नये अस्पताल भवन में भी राशि खर्च कर उपयोग में लाने की चल रही तैयारी
सदर अस्पताल की दूसरी मंजिल में हाल के दिनों में डीएमएफटी की भारी भरकम राशि खर्च कर नया अस्पताल बनाया गया है, जो बेहतरीन है. उसमें भी हाल के दिनों में डीसी के निरीक्षण के बाद कमियां पाये जाने पर डीएमएफटी मद से ही भवन निर्माण विभाग लाखों की राशि खर्च कर रहा है. पंखा सहित एक्जॉस्ट फैन व विभिन्न सेनेटरी वर्क को पूरा किया जा रहा है. इसकी उपयोगिता भी है. लेकिन सवाल यह है कि जब अस्पताल के नये भवन को अस्पताल प्रबंधन द्वारा हैंडओवर लिया जा रहा था, तो क्यों नहीं कमियां देखी गयी. अस्पताल भवन को हैंडओवर लेने के पहले सेनेटरी कार्यों को क्यों नहीं देखा गया. क्यों जानबूझ कर निर्माण कर रहे ठेकेदार को गलत निर्माण करने की अनुमति प्रदान की गयी. यह मामला प्रबंधन पर सवाल खड़ा कर रहा है. वहीं अस्पताल की दीवारों में भी इस बार भारी-भरकम टाइल्स का प्रयोग किया जा रहा है. पहले भी टाइल्स लगा था, लेकिन निरीक्षण के क्रम में और भी टाइल्स लगाने की जरूरत पड़ी. जिस पर नये सिरे से टेंडर कराकर इस दिशा में काम को पूरा कराया जा रहा है, जो लगभग पूरा होने के कगार पर भी है.नाले के ढक्कन पर लगाया गया है टाइल्स
पूरे अस्पताल परिसर में इस बार पहली बार नाले के आरसीसी ढक्कन में भी टाइल्स लगाया गया है. पूरे अस्पताल में अलग-अलग ग्रुपों में तकरीबन एक-सवा करोड़ की राशि से केवल नाले का निर्माण अस्पताल के अंदर चारो ओर किया गया है. इसमें कुछ जगहों पर नाले के आरसीसी ढक्कन पर टाइल्स चिपकाया गया है, जो पहली बार देखने को मिल रहा है. इस बाबत काम करने वाले संवेदक से पूछा गया तो बताया गया कि यह उनके प्राक्कलन में है. इसलिए लगाया गया है. साथ ही बताया कि हाे सकता है कि ढक्कन में भी लोग कभी-कभी बैठें, इसलिए ऐसा किया गया है. इसके अलावा अस्पताल के विभिन्न जगहों पोस्टमॉर्टम हाउस के नजदीक व अस्पताल परिसर में कुछ जगहों पर शेड व पेवर ब्लॉक बिछाया गया है. इसमें भी तकरीबन 25-30 लाख की राशि खर्च की जा रही है, ताकी अस्पताल का लुक बेहतर दिखे. बताया गया कि इसमें बैठने का भी इंतजाम किया जाएगा.अस्पताल को बेहतर लुक देने का प्रयास किया जा रहा है. यह जिले का मुख्य अस्पताल है. इसलिए इसके सौंदर्यीकरण में राशि खर्च की जा रही है. अभी तो काम चल रहा है. काम के बाद निश्चित तौर पर अस्पताल का लुक बेहतर हो जाएगा. नाले के ढक्कन में बहुत जगह टाइल्स लगाये गये हैं. यह कोई नया नहीं है. इससे अस्पताल साफ-सुथरा दिखेगा.
-प्रभात कुमार, एग्ज़ीक्यूटिव इंजीनियर, भवन निर्माण विभागB
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