जून-जुलाई के बाद अगस्त माह में भी लगातार हो रही बारिश से पोड़ैयाहाट प्रखंड समेत जिले के अधिकांश हिस्सों में खरीफ फसलों की खेती बुरी तरह प्रभावित हुई है. विशेषकर मक्का और दलहन की बुआई पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है. प्रखंड क्षेत्र के 80 प्रतिशत गांवों में मक्का की बुआई नहीं हो सकी है, जबकि धान की रोपनी अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है. जिले में इस वर्ष 30 हजार हेक्टेयर में धान रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें अब तक 16,738 हेक्टेयर में रोपनी पूरी हो चुकी है. मक्का की बुआई के लिए निर्धारित 19,960 हेक्टेयर में केवल 5,641 हेक्टेयर में ही बुआई हो सकी है. वहीं दलहन की बुआई लक्ष्य 38,300 हेक्टेयर के विरुद्ध मात्र 6,778 हेक्टेयर में हो पायी है. तिलहन की स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां 4,090 हेक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 423 हेक्टेयर में ही फसल लगाई जा सकी है. किसानों का कहना है कि मक्का की फसल से उन्हें बेहतर मुनाफा होता था, साथ ही यह पशुओं के लिए चारे का भी प्रमुख स्रोत था. किसान संतोष यादव और नंदलाल यादव ने बताया कि लगातार बारिश के कारण मक्का की खेती ठप हो गयी है और अब उन्हें केवल धान की फसल पर ही उम्मीद है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी आदित्य कुमार ने कहा कि मौसम की मार से हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसान मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा आदि की खेती कर सकते हैं, जिससे कुछ राहत मिल सकती है.
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