केंचुआ चौक सत्संग आश्रम में संत सतगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की 141वीं जयंती धूमधाम से मनायी गयी. इस अवसर पर प्रभात फेरी निकालकर महागामा के विभिन्न गालियों मोहल्ले का भ्रमण किया गया. प्रभात फेरी महर्षि मेंहीं आश्रम से महागामा बाजार बजरंगबली मंदिर होते हुए वापस आश्रम पहुंची. प्रभात फेरी में शामिल सत्संगी ढोल-बाजे के साथ गुरु महाराज के जयकारे लगा रहे थे. सबका ईश्वर एक है, जब तक जग में चांद सितारे गुरुदेव रहे अमर हमारे आदि जयकारे लोगों ने लगाकर भ्रमण किया. इस दौरान श्रीधाम वृंदावन से पधारे स्वामी सुबोध आनंद जी महाराज एवं साध्वी दीदी वृंदा माता जी ने भक्तजनों के बीच सत्संग वाचन किया. सुबोधानंद जी महाराज ने महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के जीवन व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर उपदेश दिया. उन्होंने कहा कि महर्षि जी का जीवन अत्यंत कठिनाइयों एवं अभाव में बीता. जन्म लेते ही इनकी माता जी परलोकवासी हो गयी. उनकी बड़ी बहन झुलंदे ने पालन पोषण किया. चार वर्ष की अवस्था में पिता का साया भी उठ गया. अत्यंत अभाव पूर्व जिंदगी में भी ईश्वर भक्ति को नहीं छोड़ा. बाबा देवी साहब जैसे महान संत को गुरु बनाया और ध्यान साधना की कठिन तपस्या के बल पर इन्होंने ईश्वर स्वरूप का दर्शन किया. हम भक्तजन उनके बताये उपदेशों पर चलकर अपना परम कल्याण कर सकते हैं. मौके पर दो पालियों में स्तुति, विनती, वेद उपनिषद, रामचरितमानस के पाठ किया गया. नगर भ्रमण के दौरान जगह-जगह शरबत, फल, शीतल जल से भक्तजनों का स्वागत किया गया. इस अवसर पर प्रमोद मेहरा राजेंद्र चौबे, प्रदीप पोद्दार, वासुदेव बाबा, राजेंद्र यादव सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे.
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