गोड्डा समाहरणालय में शनिवार को जले पांच वाहनों के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. आवेदकों के आवेदन के आधार पर केस दर्ज किया गया है. आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है. इसका कारण है कि किसी के द्वारा भी आग के शुरूआती क्षणों को नहीं देखा गया. वाहन समाहरणालय के पीछे लगा हुआ था. वह तो किसी की अचानक नजर पड़ी, तब जाकर हंगामा शुरू हुआ. आग लगने की सूचना पर समाहरणालय के कर्मी दौड़कर नीचे आये. जिला शिक्षा विभाग के एक कर्मी की बाइक जो तकरीबन तीन माह पहले खरीदी थी, वह भी इस आग की भेंट चढ़ गयी. आंखों देखा हाल बयां करते हुए कहा कि उनकी आंखों के सामने उनकी बाइक जल गयी. बताया कि उनको इतनी भी हिम्मत नहीं हुई कि वे अपनी बाइक को वहां से निकाल पायें. बताया कि आग किसी वाहन से पेट्रोल के रिसने के कारण ही लगी, जिसके बाद कार में आग पकड़ लिया. उनकी बाइक चार-पांच हाथ दूरी पर थी. चाहते तो बाइक को निकाल सकते थे, लेकिन आग की लपटें तेज थी. दूसरी कार में आग लगने के बाद विस्फोट के भय से वे अपनी बाइक को निकालने के लिए नहीं गये. इसके कारण तीन माह पहले खरीदी गयी बाइक आग की भेंट चढ़ गयी. आग लगने के बाद कार के तेल टंकी जलने के बाद और भी बड़ा हादसा हो सकता था. समाहरणालय के भवन को भी नुकसान पहुंच सकता था. हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ. लेकिन सवाल है कि इतने बडे समाहरणालय में अग्निशमन यंत्र को नहीं लगाया गया हैं. इतने बड़े सरकारी बिल्डिंग में भी इन मानकों की अनदेखी किया गया.
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