पथरगामा प्रखंड क्षेत्र में अवैध बालू उत्खनन और परिवहन का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है. एनजीटी के स्पष्ट आदेश और प्रशासनिक कार्रवाई के बावजूद रात के अंधेरे में ट्रैक्टरों से बालू की बेरोकटोक ढुलाई जारी है. बीते दो दिनों से गांधीग्राम, बाबूपुर और पथरगामा पुरानी बाजार रोड पर बालू लदे ट्रैक्टर बेधड़क दौड़ते देखे गये हैं. दाढ़ीघाट से बारकोप मोड़, गांधीग्राम फोरलेन रोड, बंदनवार रोड और योगिनी स्थान रोड तक कई स्थानों पर बालू का डंप देखा गया है, जो अवैध कारोबार की पुष्टि करता है.
भारी मुनाफा, नियमों की अनदेखी
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, एक ट्रैक्टर बालू की डिलीवरी के एवज में ₹5000 से ₹7000 तक वसूले जा रहे हैं. रजौन मोड़ से होकर चिलरा, लोगांय, रानीपुर, बंदनवार, कुराबा, परसपानी जैसे ग्रामीण इलाकों में ट्रैक्टर लगातार बालू ले जा रहे हैं. गौरतलब है कि एनजीटी द्वारा 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू उठाव पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन पथरगामा क्षेत्र में यह आदेश महज कागजों तक सिमट कर रह गया है. प्रशासनिक सख्ती और निगरानी की कमी के चलते अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं.प्रशासन का दावा, रखी जा रही है नजर
रविवार की रात पथरगामा के सीओ नितेश कुमार गौतम द्वारा गांधीग्राम के पास कुछ ट्रैक्टरों को खदेड़ा गया, लेकिन चालक भागने में सफल रहे. सीओ ने बताया कि प्रशासन अवैध ढुलाई पर निगरानी बनाये हुए है और जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी.
स्थानीय लोगों की मांग, कठोर कार्रवाई हो
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब कानून का पालन ही नहीं हो रहा, तो फिर अवैध कारोबार पर रोक कैसे लगेगी. उन्होंने मांग की कि अवैध बालू ढुलाई करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और पुलिस प्रशासन को सक्रियता दिखानी चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

