हनवारा थाना के नरैनी मुख्य मार्ग इमली बांध के समीप एक कोचिंग सेंटर को आग लगाकर जलाने का प्रयास किया गया. आग की लपटें उठते ही कोचिंग संचालक व छात्रों ने आनन-फानन में आग पर पानी डालकर काबू पाया. इस क्रम में प्लास्टिक की सात बाल्टी में भर कर रखा पेट्रोल, मच्छर मारने का मॉर्टिन क्वायल के साथ बारूद की तरह ज्वलनशील पदार्थ को पुलिस के हवाले किया गया. हालांकि पुआल की छत वाले काेचिंग सेंटर में अगर आग की लपटें फैलती, तो छात्र व छात्राओं के साथ बड़ी अनहोनी हो सकती थी.
क्या है मामला
घटना के संबंध में बताया जाता है कि कोचिंग सेंटर पुआल की छावनी वाले घर में संचालित किया जा रहा था. संचालक जिशान आलम बिहार के भागलपुर के रहने वाले हैं, जो स्थानीय बच्चों को बीपीएससी शिक्षक व सीटेट की तैयारी कराते हैं. यहां करीब करीब 100 बच्चे अध्ययनरत हैं. शुक्रवार को कक्षा के दौरान कोचिंग के पीछे के हिस्से में आग की लपटें निकलती दिखायी दी. छात्र व स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया. कोचिंग का मुआयना करने के क्रम में चारो ओर प्लास्टिक की बाल्टी में पेट्रोल व कुछ में केरोसिन ऑयल के साथ बारूद की तरह ज्वलनशील पदार्थ, जलता हुआ मॉर्टिन क्वायल बाल्टी में रखा गया था, ताकि क्ववाल धीरे-धीरे बाल्टी में रखे पेट्रोल व ज्वलनशील पदार्थ में पकड़े और आग का भयंकर रूप धारण कर ले. सूचना पाकर एसडीपीओ चंद्रशेखर आजाद, थाना प्रभारी हनवारा राजन कुमार कोचिंग सेंटर पहुंचकर सभी सामग्री को बरामद किया. पुलिस पहुंच कर मामले की छानबीन में जुट गयी है. एसडीपीओ श्री आजाद ने कोचिंग संचालक जिशान आलम से भी थाना में घटना के संबंध में देर तक पूछताछ की और कुछ छात्रों से भी जानकारी ली.सूचना मिली कि कोचिंग में बाल्टी में पेट्रोल व पटाखे का बारूद के साथ मॉर्टिन रखी गयी थी. आग लगाने का प्रयास किया गया था. पुलिस ने सामग्री को बरामद कर लिया है. प्रथम दृष्टतया मामला संदिग्ध है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.-चंद्रशेखर आजाद, एसडीपीओ महागामा
छोटे से कमरे में पढ़ाया जा रहा दर्जनों बच्चों को
मामले के बाद क्षेत्र में चर्चा तेज हो गयी है. हनवारा के इमली चौक के पास के कोचिंग सेंटर से जुड़े मामले को लेकर लोगों के अंदर इस बात की चर्चा है कि आखिर क्षेत्र के दर्जनों बच्चों को कोचिंग में शिक्षा दी जा रही है. जिस कमरे में दर्जनों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, उसका छत फूस का है. साथ ही प्लास्टिक आदि से छावनी कर छत को तैयार कर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. यह भी बताया जा रहा है कि पहले उक्त घर में लाइन होटल संचालित था. मजे की बात यह है कि महज कुछ ही दूरी पर सड़क के किनारे ऐसे कोचिंग के संचालन व बच्चों का लगातार आना-जाना होता हो और पुलिस प्रशासन उस पर नजर तक नहीं रख रही है. यह भी कहा जा रहा है कि बिहार की सीमा से सटे इस कोचिंग में पढ़ने वाले बच्चे एकदम से छोटे कमरे में ही बैठकर पढाई कर रहे हैं. ना तो किसी भी नियम व कोचिंग के संचालन का गाइड लाइन को बताने की जहमत ही की जा रही है. अगर पुआल वाले फूस की छत पर आग पकड़ लेता तो शायद कमरे से निकलने के भगदड़ में बड़ी अनहोनी हो सकती थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है