गोड्डा शहर में बारिश से पहले शहर के नालों का हाल बेहाल हो गया है. शनिवार को तेज हवा के साथ हुए बारिश से नगर परिषद की पोल खुल गयी है. बारिश होने से सड़कों पर नाले का पानी काफी देर तक बहता रहा. शहर के चपरासी टोला मुहल्ला, बाबूपाड़ा आदि मुहल्ले में बारिश का पानी नाला के अलावा सड़कों पर बहने लगा. ऐसे में लोगों का सड़कों पर पैदल चलना मुहाल हो गया. यह हालत तब है, जब जिले में मॉनसून का प्रवेश नहीं हुआ है. मॉनसून के प्रवेश के बाद तो नालों की हालत और भी दयनीय हो जाती है. नाले के सफाई का कार्य सही तरीके से नहीं होने के कारण यह स्थिति शहर में उत्पन्न हो जाती है. शहर के कई मुहल्ले में बारिश के पानी का कई दिनों तक जमाव रहता है्. इसके कई कारण हैं. बीते 10-15 सालों में शहर में कई नये मुहल्ले का जन्म हुआ है. वहां नये-नये घर तो बने हैं, परंतु नाला का निर्माण नहीं किया जा सका है. ऐसे में घरों से निकलने वाले गंदे पानी का जमाव आसपास एरिया में ही हो गया है. शहर के चपरासी मुहल्ला, सत्संग नगर के आसपास का इलाका बारिश होने पर घुटने भर पानी में डूब जाता है, जहां से निकलना मुश्किल हो जाता है. लोग घुटने भर पानी में डूुबकर बाहर निकलते हैं. शहर के साकेतपुरी व प्रोफेसर कॉलोनी मुहल्ले में तो नाले का विवाद कई सालों से है, जिससे आज तक निबटा नहीं जा सका है. यह यहां कोढ बनकर रह गया है. शनिवार को शाम में तेज वर्षा के बाद कई मुहल्ले में तो पैदल चलना मुश्किल हो गया. काफी देर तक ऐसी ही स्थिति बनी रही. बाद में स्थिति समान्य हो सका.
सफाई कर्मियों की हड़ताल से सड़कों पर कूड़े अंबार
वहीं दूसरी ओर से सफाई कर्मियों के हडताल पर चले जाने से शहर में कूड़े-कचरे का अंबार फैल गया है. जगह-जगह कूड़े के ढेर को देखा जा सकता है. मालूम हो कि बीते तीन-चार दिनो से सफाई कर्मी हड़ताल पर हैं. ऐसे में सफाई कार्य बाधित हैं. हालांकि आकांक्षा कंपनी की ओर से कचरे का उठाव किया जा रहा है, लेकिन पर्याप्त तरीके से सफाई नहीं हो पा रही है. मुहल्ले में तो और भी कचरे को इधर-उधर देखा जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है