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आह्वान. मजदूर संगठनों ने बैठक कर बंद को सफल बनाने की बनायी रणनीति कोयला ढुलाई ठप होने से हो सकता है करोड़ों का नुकसान बंद से निबटने के लिए इसीएल ने भी की तैयारी, वार्ता को तैयार सीआइएसएफ व जिला पुलिस बल के जवान रहेंगे तैनात बोआरीजोर : दो सितंबर (शुक्रवार) को होनेवाली देश व्यापी […]

आह्वान. मजदूर संगठनों ने बैठक कर बंद को सफल बनाने की बनायी रणनीति

कोयला ढुलाई ठप होने से हो सकता है करोड़ों का नुकसान
बंद से निबटने के लिए इसीएल ने भी की तैयारी, वार्ता को तैयार
सीआइएसएफ व जिला पुलिस बल के जवान रहेंगे तैनात
बोआरीजोर : दो सितंबर (शुक्रवार) को होनेवाली देश व्यापी बंदी को सफल बनाने के लिए इसीएल परियोजना के मजदूर संगठनों ने तैयारी पूरी कर ली है. गुरुवार को स्थानीय एरिया कार्यालय में बैठक कर यूनियन के मजदूरों ने बंदी को सफल बनाने की रणनीति बनायी. हालांकि संयुक्त मजदूर यूनियन की ओर से आहूत बंदी से तीन संगठनों द्वारा बंद से अलग रहने की घोषणा की है. बंद को लेकर मजदूर संगठनों में एटक, इंटक राजेंद्र सिंह ग्रुप, सीटू , झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन, झारखंड राज्य मजदूर संघ, झारखंड मजदूर मोरचा ने बंद में शामिल होने का निर्णय लिया है.
बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार की ओर से अब तक जेबीसीसीआइ का गठन नहीं किया जाना , 10 वें वेतन आयोग को अब तक जारी नहीं किया जाना आदि मांगे शामिल है. आरोप है कि सरकार कर्मचारियों को केवल सब्ज बाग दिखा रही है. इधर बंद को देखते इसीएल के अधिकारियों द्वारा तैयारी की जा रही है.
बंदी के दौरान उत्पादन तथा प्रेषण को बंद किये जाने पर करोड़ों के घाटे का अनुमान लगाया जा रहा है. दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन की ओर से भी बंदी को लेकर मुख्यालय से पुलिस फोर्स की व्यवस्था की जा रही है.बैठक में रामजी साह, रणधीर सिंह, अनिल सिंह, खगेेंद्र महतो, राधेश्याम चौधरी, मिस्त्री मरांडी, पूर्व विधायक राजेश रंजन, बिगनेश्वर महतो आदि मौजूद थे.
एरिया कार्यालय में बैठक कर बाहर निकलते व ऊर्जा नगर में मशाल जुलूस निकालते संगठन के सदस्य.फोटो। प्रभात खबर
दूसरे संगठनों ने किया बंद से अलग रहने का आह्वान
कोल एरिया के मजदूर संगठनों में भामस के संताल परगना महासचिव अंगद उपाध्याय एवं इंटक के ददइ दुबे ग्रुप के सूर्य नारायण हांसदा, दि झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के हीरालाल गोरांय ने संयुक्त रूप से कहा है कि सरकार की ओर से 12 सूत्री मांगों में से नौ मांगों को मान लिया गया है. जेबीएसएसआइ का भी गठन सरकार की ओर से की गयी है. शुक्रवार की बंदी में खासकर ऐसे संगठनों द्वारा मजदूरों को दिग्भ्रमित करने का तथा ठगने का काम किया जा रहा है.

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