गोड्डा : अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी एसके वर्मा की अदालत में सोमवार को पथरगामा प्रखंड के प्रमुख अजय भगत, माल निस्तारा पंचायत के मुखिया निरंजन पंजियारा व टुनका मुर्मू के साथ मुन्ना भगत ने आत्मसमर्पण कर जमानत आवेदन दाखिल किया. न्यायालय ने सुनवाई के बाद सभी की जमानत अरजी को खारिज कर दिया. सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
क्या है मामला : पथरगामा थाना अंतर्गत गांधी ग्राम के पास नौ फरवरी 2011 को ट्रक दुर्घटना में एक बच्चे की मौत हो गयी थी. मृतक परिवार को मुआवजा दिलाने के इनलोगों ने सड़क जाम कर आवागमन को बाधित किया था.
सूचना मिलने के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी हरिशंकर घटनास्थल पर पहुंचे थे और जाम हटाने की कोशिश की थी. इस क्रम में थाना प्रभारी एवं अन्य पुलिस बलों पर पथराव किया गया व जानलेवा हमला भी किया गया था. जिसमें थाना प्रभारी हरिशंकर एवं सिपाही सुधीर प्रसाद सिंह घायल हो गये थे.
दर्ज हुआ था मामला : तत्कालीन पथरगामा थाना प्रभारी हरिशंकर द्वारा नजायज मजमा बना कर सड़क जाम करने एवं सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने को लेकर पथरगामा थाना में भादवि 147, 149, 353, 341, 342, 323, 504, 337, 307 एवं 120बी के तहत कांड संख्या 09/2011 दर्ज किया था.
पुलिस ने दिया था सब को बेल
अनुसंधान के क्रम में पुलिस द्वारा 307 एवं 353 की अजमानतीय धारा को हटाते हुए सभी 19 आरोपितों को थाने से ही जमानत दे दी थी.
न्यायालय ने लिया संज्ञान
13 अगस्त 2012 को न्यायालय ने आरोप पत्र व पुलिस डायरी का अवलोकन करते हुए पुलिस द्वारा समर्पित की गयी धाराओं के विरुद्ध उसमें 353 भादवि जोड़ते हुये सभी के विरुद्ध संज्ञान लिया व न्यायालय में हाजिर होने के लिये सम्मन जारी किया.