गोड्डा : लंबे अरसे बाद सुंदरपहाड़ी के लांगोडीह की बच्ची मीणा पहाड़िन के इलाज की पहल शुरू हो गयी है. उसका सिर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. मानसिक विकास भी नहीं हो पा रहा है. वीणा के माता-पिता 33 किमी पैदल चलकर कुछ दिन पहले बेटी के इलाज के लिए गोड्डा आये थे. लेकिन इलाज नहीं हो पाया.
इस बात को प्रभात खबर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इस मामले को लेकर सुंदरपहाड़ी प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष अनिल कुमार साहा ने पहल करते हुए बीमार बच्ची को लांगोडीह गांव से स्वयं खर्च कर सदर अस्पताल में पहुंचाया. शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक जुनैद आलम से बच्ची को देखा गया.
क्या है हाइड्रोकेपिलस बीमारी
चिकित्सकों से मिली जानकारी के मुताबिक हाइड्रोकेपिलस (जलशीर्ष) बीमारी है. प्रति वर्ष करीब दस लाख बीमार भारत में मिलते हैं. डॉक्टर से जांच कराना जरूरी होता है. मस्तिष्क में पानी भर जाता है. यह बीमारी शिशुओं व बुजुर्गों में होता है. इलाज के लिए ऑपरेशन कर एक ट्यूब निलय में डाली जाती है जिससे पानी बाहर निकाला जाता है.
बीमार बच्ची को देखें हैं. मस्तिष्क में पानी भर गया है. हाइड्रोकेपिलस नामक बीमारी है. जन्म से होता है. पानी भरने के कारण सिर फूल रहा है. शारीरिक व मानसिक विकास नहीं हो पा रहा है.
-डॉ जुनैद आलम, शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक, सदर अस्पताल, गोड्डा.
असाध्य रोग के लिए सीएस से करेंगे बात
बीस सूत्री अध्यक्ष अनिल कुमार साहा ने बताया कि पहाड़िया बच्ची होने के साथ उसके माता पिता काफी गरीब है. बच्ची के बेहतर इलाज को लेकर सीएस से मामले को लेकर बात कर असाध्य रोग में मिलने वाले राशि से बड़े अस्पतालों में बच्ची के इलाज की पहल की जायेगी.