आलू की फसल लगाने वाले किसानों की मानें तो आलू के बीज की कीमत, खाद-पानी और मेहनत पर कोहरे का कहर काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है. बता दें कि प्रखंड के मोहनडीह, बेलडीह, करीबांक, चौंरा, पर्वतपुर, परमाडीह, मनियाडीह समेत अन्य गांव में व्यापक पैमाने पर आलू व अन्य फसलों की खेती की जाती है.
पाला से बचाव के लिए लगातार करें सिंचाई : बीएओ
गांडेय के प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी (बीएओ) करमन चौधरी ने कहा कि लगातार पड़ रहे कोहरे से आलू की फसल में पाला लगने की संभावना होती है. पाला लगने से आलू की पत्तियों का रंग काला भूरा होने लगता है. आलू का रंग हरा हो जाता है. कहा कि इससे बचाव के लिए किसान आलू की फसल में नियमित व कोहरे के समय अत्यधिक सिंचाई करें. इससे पाला लगने की संभावना समाप्त हो जाती है. उन्होंने यह भी कहा कि कृषक आलू, गेहूं, सरसों समेत अन्य फसलों की बीमा भी करवा सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

