सीसीएल गिरिडीह कोलियरी क्षेत्र में कोयला का अवैध खनन नासूर बन गया है. अवैध खनन की वजह से लगातार भू-धंसान की घटना हो रही है. कोयला के अवैध खनन के कारण 27 करोड़ की लागत से निर्मित डीएवी मोड़ से बरवाडीह फाटक तक की सड़क पर ग्रहण लग रहा है. वहीं, एनएच 114 ए गिरिडीह-डुमरी पथ पर स्थित गिरिडीह स्टेडियम से चंद फर्लांग पर सड़क के किनारे लगातार बन रहे गोफ की वजह से खतरा उत्पन्न हो रहा है. कबरीबाद माइंस के बगल मुख्य मार्ग में दरार आ गयी है.
लगातार बन रहे गोफ से लोगों में दहशत का माहौल
लगातार गोफ बनने और सड़क पर दरार आने से दहशत का माहौल है. यूं तो एनएच 114 ए सड़क किनारे गोफ बनने के बाद सीसीएल प्रबंधन ने इसकी मिट्टी-पत्थर की भराई करवा दी. इसी तरह सीसीएल कबरीबाद माइंस जाने वाली सड़क के किनारे लगातार भू-धंसान की घटना से सड़क के बीचों-बीच दरार पड़ने के बाद सीसीएल प्रबंधन ने तत्काल सड़क को ब्लॉक कर दिया है. सूचना पर पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर भी गोफ और सड़क पर आयी दरार का निरीक्षण कर चुके हैं. जानकारों का कहना है कि सड़क के नीचे से जैसे-तैसे कोयले का खनन होने के कारण जमीन खाली हो गयी है. बारिश की वजह से मिट्टी धंसने की घटना हो रही है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि उक्त सड़क का निर्माण करने वाले संवेदक को तीन साल तक मेंटेनेंस करना है. सीसीएल अधिकारियों का कहना है कि इस सड़क का निर्माण पथ निर्माण विभाग ने किया है. इसलिए उसे ही इसे दुरुस्त कराना है. सीसीएल सहयोग करने के लिए तैयार है. बहरहाल सड़क पर लगा ग्रहण कब छंटेगा, इस पर सबकी निगाहें टिकीं हुईं हैं.
भू-धंसान की घटना में जानमाल का हो चुका है नुकसान
गिरिडीह कोलियरी में पिछले डेढ़ दशक में भू-धंसान की कई घटनाएं हुईं हैं. इन घटनाओं में जानमाल का नुकसान हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक कोयला का अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से कई लोगों की मौत हो चुकी है. भदुआ पहाड़, महुआपथारी, कोपा पहाड़ी, अंबाटांड़, परातडीह के अलावा कबरीबाद, अस्पताल के पीछे, 16 नंबर, ओसीपी के बगल में अवैध खनन के दौरान चाल घंसने से लगभग दो दर्जन से अधिक मजदूरों की मौत हो चुकी है. कई बार शव बरामद हुआ, तो कई बार शव को जमीन के अंदर ही छोड़ दिया गया. लगभग चार वर्ष पूर्व भू-धंसान के कारण बनियाडीह स्थित विशाल पानी टंकी जमींदोज हो गयी. इसके अलावा सीसीएल लंकास्टर अस्पताल परिसर स्थित सीसीएल का दो आवास भी चंद दिनों के अंतराल में ध्वस्त हो गये थे. दहशत के कारण आसपास बसे लोग यहां से दूसरी जगह जा बसे हैं. पिछले वर्ष बारिश के दौरान अस्पताल परिसर में दो-तीन बार जमीन धंसने की घटना हुई. इसके कारण एक कार्यालय को शिफ्ट करना पड़ा है. आज भी इस परिसर में बसे लोग दहशत के साये में रह रहे है.
कार्रवाई के कुछ दिनों के बाद पुन: शुरू कर दी जाती है कोयले की तस्करी
कोयले की चोरी और खंता के संचालन के खिलाफ सीसीएल प्रबंधन व पुलिस समय-समय पर कार्रवाई करती है. छापेमारी अभियान चलाकर बाइक और साइकिल को जब्त किया जाता है. वहीं डोजरिंग अभियान चलाकर खंतो की भराई की जाती है, लेकिन कुछ दिनों के बाद पुन: कोयले की तस्करी शुरू कर दी जाती. कोयला चोर माइंस में घुसकर और रेलवे रैक से कोयले की चोरी की जाती रही है. खंतों का संचालन किया जाता है. कोयला तस्कर जैसे-तैसे कोयला कोयले की कटाई करवाते हैं, जिससे भू धंसान की घटना बढ़ी है. इस संबंध में पीओ जीएस मीणा का कहना है कि कोयला तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. बाइक व कोयला जब्त किया जाता है. साथ ही कोयला तस्करों के खिलाफ मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करायी जाती है.अवैध खनन पर रोक के लिए जनभागीदारी जरूरी : महाप्रबंधक
गिरिडीह कोलियरी के महाप्रबंधक गिरीश कुमार राठौर कहते हैं कि अवैध खनन पर रोक के लिए जनभागीदारी जरूरी है. अवैध खनन पर रोकथाम के लिए पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर सीसीएल लगातार अभियान चला रखी है. अवैध खनन के कारण ही बारिश में जमीन धंसने की घटना होती है. इसको लेकर सीसीएल प्रबंधन अलर्ट है. धंसान की भराई करवायी जाती है. कहा कि अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक के लिए जनता का सहयोग जरूरी है. श्री राठौर ने कहा कि सीसीएल गिरिडीह क्षेत्र के विकास और सुरक्षा को लेकर शनिवार को सीसीएल रेस्ट हाउस में ट्रेड यूनियन के नेताओं व पंचायत प्रतिनिधियों के साथ एक संगोष्ठी होगी. इसमें सभी पहलूओं पर चर्चा होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है