इस दौरान पूरे इलाके में उल्लास दिखा. ढोल-नगाड़ों और शंख ध्वनि की गूंज सुनायी देती रही. सुबह से ही श्रद्धालुओं का जत्था प्रतिमा विसर्जन यात्रा में शामिल हुआ. जगह-जगह मां की प्रतिमाओं का पूजन-अर्चना कर महिलाओं ने सिंदूर खेला की परंपरा निभायी और माता से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. विदाई के क्षण में कई श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गयीं. महिला-पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी भावविभोर होकर मां को प्रणाम किया. भारी बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ. इसके पूर्व मां की प्रतिमा को मंदिर प्रांगण से विधिवत पूजा अर्चना और अंतिम आरती की गयी.
सुरक्षा की थी पुख्ता
व्यवस्था
चौक के रास्ते बजरंग बली मंदिर की परिक्रमा करते हुए पुनः पीछे स्थित शिवगंगा तक जुलूस पहुंचा. इसके बाद प्रतिमा विसर्जित की गयी. घोड़थंभा ओपी प्रभारी धर्मेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गयी थी. मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष रामविलास सिंह, मनोज कुमार, रामदेव सिंह, सुनील कुमार, सुरेंद्र मोदी, राजू पांडेय, सुनीता विश्वकर्मा, रंजीत सिंह, उदय शंकर अग्रवाल, पप्पू सिंह, विकास पांडेय, शिवलाल सहाय, राजेश सिंह समेत काफी संख्या में लोग उपस्थिति थे.
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