जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह ने बंदियों को प्रदान की जानेवाली विधिक सहायता की विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की. इस मौके पर अधिकतम सजा की आधी अवधि तक जेल में रहे बंदियों की बेल पर ट्रायल रिव्यू कमेटी विचार करेगी.
खास कोटि के बंदियों की राहत पर होगा विचार
इस दौरान छोटे-मोटे अपराधों में जेल में बंद कैदियों को चिह्नित किया गया, जिन्हें जमानत तो मिल चुकी है, पर उचित बंधपत्र नहीं भर पाने की स्थिति में अब भी बंद हैं. इसके अलावे जो बंदी अधिकतम सजा की आधी अवधि तक काराधीन हैं, इन बंदियों को जमानत पर छोड़ने को लेकर अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी के जरिये विचार किया जायेगा. इसके लिए लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम, गिरिडीह के सभी अधिवक्ताओं जेल में प्रतिनियुक्त पीएलवी इत्यादि को निर्देश दिया गया कि ऐसे बंदियों की सूची बनाकर डालसा कार्यालय गिरिडीह में तय समय में अनिवार्य रूप से भेजने का निर्देश दिया गया. जेल प्रशासन को सभी बंदियों के लिए तथा मुख्य तौर पर महिला बंदियों एवं उनके साथ रह रहे बच्चों के लिए तय सुविधाओं के साथ निरंतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये.
पीएलवी को दिये गये निर्देश
जेल में प्रतिनियुक्त पीएलवी को लगातार काराधीन बंदियों के संपर्क में रहने का निर्देश दिया. विधिक सहायता की आवश्यकता वाले कैदियों का आवेदन अविलंब कारा प्रशासन के माध्यम से डालसा में भेजने को कहा गया है ताकि सभी बंदियों को निःशुल्क एवं त्वरित न्याय समय पर प्रदान किया जा सके. कार्यक्रम को सफलता में कारा अधीक्षक मंडल कारा गिरिडीह कारापाल, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल फैयाज अहमद, पुरुषोत्तम कुमार, रंजीव कुमार रंजीव सहित जेल पीएलबी तथा न्यायालय कर्मियों एवं जेल कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही.
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