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Giridih News :होलिका दहन आज व होली 15 मार्च को

Giridih News :हिंदू धर्मावलंबियों का पवित्र त्योहार होली 15 अप्रैल कोमनायी जायेगी. इसमें होलिका दहन को लेकर लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है. हिंदू पंचांग के अनुसार होली का त्योहार पूर्णिमा के अगले दिन यानि चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि को मनाते हैं. जबकि, होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित मुहूर्त में रात के समय करते हैं.

हिंदू धर्मावलंबियों का पवित्र त्योहार होली का 15 अप्रैल को सर्वत्र मनायी जायेगी. इसमें होलिका दहन को लेकर लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है. हिंदू पंचांग के अनुसार होली का त्योहार पूर्णिमा के अगले दिन यानि चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि को मनाते हैं. जबकि, होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित मुहूर्त में रात के समय करते हैं. इसे लेकर आरपीएफ पंचमंदिर हजारीबाग रोड के पुजारी सब्यसाची पांडेय ने बताया कि होलिका दहन मुहूर्त 13 मार्च दिन गुरुवार को दिन 10:02 से पूर्णिमा तिथि भोग कर रहा है, जबकि भद्रा रात्रि 10:44 में खत्म होगा. इसलिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त गुरुवार की रात्रि 10:44 के बाद होलिका दहन किया जायेगा. वहीं, 14 मार्च को दिन 11:12 से प्रतिपदा तिथि आरंभ हो रही है, जो 15 मार्च को दिन 12:39 तक रहेगी. शास्त्र शास्त्रों के अनुसार चैत्र प्रतिपदा में जब सूर्योदय हो, तब ही रंगों का त्योहार होली पर्व मनाया जाना चाहिये. प्रतिपदा तिथि में सूर्योदय शनिवार को होगा. इसलिए सर्वत्र होली 15 मार्च को मनाना श्रेष्ठ होगा. उन्होंने बताया कि होलिका दहन की परंपरा द्वापर युग से चली आ रही है. पुराणों के अनुसार दानवराज हिरण्यकश्यप ने जब देखा कि उसका पुत्र प्रह्लाद सिवाय विष्णु भगवान के किसी अन्य को नहीं भजता तो वह क्रुद्ध हो उठा. उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया की वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाये, क्योंकि होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसे अग्नि नुकसान नहीं पहुंचा सकती, लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत, होलिका जलकर भस्म हो गयी और भक्त प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ. इसी घटना की याद में इस दिन होलिका दहन करने का विधान है. होली का पर्व संदेश देता है कि इसी प्रकार ईश्वर अपने अनन्य भक्तों की रक्षा के लिए सदा उपस्थित रहते हैं. वहीं, उन्होंने होली मनाने के पीछे कई अन्य मान्यताओं और कथाओं की चर्चा भी की.

15 मार्च को होली मनाना शुभ : हेमंत पाठक

शहर के बरगंडा स्थित विश्वेश ज्योतिष अनुसंधान केंद्र में बुधवार को होली मनाने को लेकर सही तिथि पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. अध्यक्षता आचार्य हेमंत कुमार पाठक ने की. उन्होंने बताया कि समाज में होली की तिथि को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई है. कहा कि होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की रात्रि भद्रा के अंत किया जाता है यह 13 मार्च को रात्रि 10:37 के बाद होगा. होली चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा को मनाया जाता है, 14 मार्च दिन में 11:12 बजे तक पूर्णिमा तिथि है, पूर्णिमा में होली नहीं खेली जाती है. इसलिए 15 मार्च को चैत्र कृष्ण प्रतिपदा शनिवार को रंगोत्सव मनाया जायेगा. कहा कि 15 मार्च होली मनाने के लिए बहुत ही शुभ दिन है. गोष्ठी में पंकज मिश्रा, विश्वनाथ उपाध्याय शामिल थे. वहीं श्याम सुंदर पंडित, अजीत पाठक, सुरेंद्र मिश्रा, दीपक उपाध्याय, महेश पाठक, अशोक मिश्रा, आत्माराम पांडेय, जीवराज उपाध्याय समेत कई लोग वर्चुअली शामिल हुए,

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