सुबह मंदिर का मुख्य गेट खुलते ही हर-हर महादेव के जयकारे से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा. पवित्र शिवगंगा में हजारी भक्तों ने डुबकी लगायी. इसके बाद चंद्रकूप से जल भर व तीर्थ पुरोहितों से अभिमंत्रित और संकल्पित जल से पवित्र शिवलिंग पर जलार्पण किया. छत विहीन मुख्य मंदिर से निकलकर लोग नंदी का पूजन करते देखे गये. इसके बाद पार्वती मंदिर में जलार्पण कर बजरंगबली, मां सरस्वती, राधाकृष्ण, वैष्णोदेवी, संकट मोचन हनुमान मंदिर, वृहत हनुमान के दर्शन कर देवी मंदिर में पूजन किया. मुख्य मंदिर एवं पार्वती मंदिर में श्रद्धालुओं को कतारबद्ध किया गया. कंट्रोल रूम से सीसीटीवी से पूरे परिसर पर निगाह रखी जा रही थी. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के जवान और महिला पुलिस की तैनाती की गई थी. खोरीमहुआ के एसडीएम अनिमेष रंजन, जमुआ के बीडीओ अमल जी, हीरोडीह थाना प्रभारी महेश चंद्र, घोड़थंभा के थाना प्रभारी धर्मेंद्र अग्रवाल, जमुआ के थाना प्रभारी मणिकांत कुमार सुबह से दोपहर तक झारखंडधाम में मोर्चा सम्हाले रहे.
स्थानीय मुखिया आशुतोष वर्मा, पंसस राजेश वर्मा, मंदिर विकास समिति के नरेश पंडा, सुभाष पंडा, जन संघर्षमोर्चा के किशोरी वर्मा, हरिहर वर्मा, मनोहर वर्मा सहित कई लोग व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगातार पसीने बहा रहे थे. किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटी. श्रद्धालुओं ने बहुत ही सुगमतापूर्वक पूजा अर्चना की.मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष विनोद पांडेय ने कहा कि इस सोमवारी को 60 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया.
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