विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को पाने के लिए जनजातीय बहुल गांवों में जमीनी कार्यकर्ताओं और ग्राम स्तर के नेतृत्वकर्ताओं की एक मजबूत टीम तैयार करनी है. 2035 तक इस लक्ष्य को पूरा करना था, पर जमुआ प्रखंड इस लक्ष्य को इसी समय पूरा करता दिख रहा है. यह कहना है जमुआ के बीडीओ अमलजी का. वह मंगलवार को प्रखंड परिसर के सभागार में आदि कर्मयोगियों के दो दिवसीय प्रशिक्षण सत्र को संबोधित कर रहे थे.
आदिवासी समाज को जोड़ा जायेगा मुख्यधारा से
बीडीओ ने कहा कि प्रखंड के सभी 14 गांवों में कर्मयोगी कार्यकर्ता सीधे जाएंगे और आदिवासी समाज के शिक्षित व्यक्तियों को उन्हीं की भाषा में मोदी सरकार के संकल्प मूल मंत्र को पढ़कर सुनने की दिशा में कार्य करे, ताकि आदिवासी समाज के लोग मुख्यधारा से जुड़कर विकास कार्य को अमलीजामा पहना सकें.इनकी थी उपस्थिति
प्रशिक्षण में बीपीआरओ सहदेव महतो, बीपीओ छोटेलाल साहू, डॉ कुलदीप तिर्की, फॉरेस्टर कुमार मंगलम, महिला सुपरवाइजर सुचित्रा गांधी, पंचायत सेवक दिनेश हाजरा, गणेश पासवान, राजकुमार पासवान, बबिता कुमारी, अनिता कुमारी, नीलम यादव, ईशा कुमारी, गोपाल प्रसाद सिंह, जनसेवक रेणु यादव, अनिल गोस्वामी, अबुआ आवास के बीपीएम सुधीर कुमार गुप्ता, सीआरपी रंजीत प्रसाद साहू, नीरज कुमार,आदि मौजूद थे.
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